हेल्थ हो या वेल्थ, अच्छे सलाहकार का साथ लाभदायक

निवेश, बीमा, बैिकंग, टैक्स या अन्य वित्तीय मसलों को लेकर लोग उलझन में रहते हैं. इस बार समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं निवेश सलाहकार प्रदीप कुमार जैन, निदेशक, पीएमपीके वेल्थ एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड. म्यूचुअल फंड के रेगुलर फंड और डायरेक्ट फंड में क्या अंतर है? कौन ज्यादा फायदेमंद होता है? क्या एक ही कंपनी का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 15, 2018 7:05 AM
निवेश, बीमा, बैिकंग, टैक्स या अन्य वित्तीय मसलों को लेकर लोग उलझन में रहते हैं. इस बार समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं निवेश सलाहकार प्रदीप कुमार जैन, निदेशक, पीएमपीके वेल्थ एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड.
म्यूचुअल फंड के रेगुलर फंड और डायरेक्ट फंड में क्या अंतर है? कौन ज्यादा फायदेमंद होता है? क्या एक ही कंपनी का दोनों तरह का फंड हो सकता है?
– रोहित सिन्हा, हटिया, रांची
म्यूचुअल फंड की प्रत्येक योजना में दो प्रकार से निवेश किया जा सकता है. पहला है रेगुलर प्लान जिसे आप म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्युटर के माध्यम से लेते हैं, जो आपको आपकी जोखिम क्षमता के अनुसार और वित्तीय लक्ष्य के अनुसार सही फंड के चयन में सहायता करता है.
फंड के विषय में तथा उससे संबंधित जोखिम के संबंध में पूरी जानकारी देता है. म्यूचुअल फंड योजना जो फीस चार्ज करती है, उसमें से एक हिस्सा आपके सलाहकार को भुगतान करती है. डायरेक्ट प्लान में कोई सलाहकार नहीं होता. आप सीधा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनी सलाहकार को दिये जाने वाला कमीशन आपको डिस्काउंट कर देती है. इससे प्रत्यक्ष रूप से आपका लाभ कुछ बढ़ जाता है.रेगुलर और डायरेक्ट दोनों विकल्प में किसी प्रकार का कोई अंतर नहीं होता है. लेकिन दोनों का एनएवी अलग अलग होता है.
ऑनलाइन निवेश के विषय में बताएं. म्यूचुअल फंड में भी यह संभव है? इसमें कितना जोखिम होता है?
– संतोष कुमार, डोरंडा, रांची
आज के दिन ज्यादातर म्यूचुअल फंड एडवाइजर, म्यूचुअल फंड वेबसाइट, म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पोर्टल्स और एप्लीकेशंस, रोबो एडवाइजरी पोर्टल ऑनलाइन निवेश की सुविधा दे रहे हैं. इनके माध्यम से ट्रांजेक्शन करने में किसी प्रकार का कोई जोखिम नहीं है.
यदि खतरा है, तो रोबो एडवाइजर की सलाह पर निवेश करने में या फिर गूगल के ज्ञान पर निवेश निवेश करने में. योजनाओं के यूनिट को खरीदने या बेचने का बटन आपके पास रहता है जबकि आपको पूरा ज्ञान और अनुभव नहीं रहता कि कब क्या चीज आपको खरीदना चाहिए या बेचना चाहिए. जिस प्रकार गूगल के ज्ञान के आधार पर आप अपनी बीमारी का अपना इलाज नहीं कर सकते उसी प्रकार निवेश में भी सलाहकार कि मदद लेना बेहतर होता है. हेल्थ हो या वेल्थ, अच्छे सलाहकार का साथ हमेशा लाभदायक साबित होता है.
3-4 वर्ष के लिए और 5-8 वर्ष के लिए एसआइपी के माध्यम से किस म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए?
– संजय प्रसाद, कोकर, रांची
3 से 4 वर्ष के लिए कम जोखिम क्षमता वाले निवेशकों को क्रेडिट रिस्क फंड, मीडियम टर्म डेट फंड, डायनेमिक बॉन्ड फंड जैसी ब्याज आधारित योजनाओं में एसआइपी शुरू करना चाहिए. जो निवेशक थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं, उन्हें इक्विटी सेविंग्स फंड या बैलेंसड एडवांटेज फंड जैसी योजनाओं में एसआइपी करना चाहिए. इन योजनाओं में थोड़ा बहुत निवेश बाजार की चाल के अनुसार शेयरों में भी होता है और यह टैक्स एफिशिएंट भी होते हैं.
5 से 8 साल की अवधि के लिए निवेश करने के लिए कम जोखिम लेने वाले निवेशकों को बैलेंसड एडवांटेज फंड, बैलेंस्ड फंड में एसआइपी करना चाहिए. लेकिन ज्यादा जोखिम लेने की क्षमता रखनेवाले निवेशकों को मल्टीकैप फंड या मिड कैप फंड में एसआइपी करना चाहिए.

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