जानें क्या है बिम्सटेक, क्या है इसकी भविष्य की योजनाएं

द बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन यानी बिम्सटेक दक्षिण एशिया व दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है. इस संगठन में सात देश हैं, जिनमें दक्षिण एशिया से बांग्लादेश, भारत, भूटान, नेपाल व श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया से म्यांमार व थाईलैंड शामिल हैं. इसका मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 2, 2018 11:30 AM

द बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन यानी बिम्सटेक दक्षिण एशिया व दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है. इस संगठन में सात देश हैं, जिनमें दक्षिण एशिया से बांग्लादेश, भारत, भूटान, नेपाल व श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया से म्यांमार व थाईलैंड शामिल हैं. इसका मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में है. यह संगठन दक्षिण व दक्षिण पूर्व एशिया के बीच पुल का काम करने के साथ ही इन देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने का कार्य भी करता है. इतना ही नहीं, यह सार्क व आसियान देशों के बीच अंतर-क्षेत्रीय सहयोग के लिए मंच भी प्रदान करता है.

दो दशक पुराना है यह समूह
इस संगठन की नींव बैंकॉक में 6 जून, 1997 को रखी गयी थी व 22 दिसंबर, 1997 को हुए एक विशेष मंत्री-स्तरीय सम्मेलन में इसकी शुरुआत हुई थी. स्थापना के समय बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका व थाईलैंड इसमें शामिल थे. तब बिम्सटेक बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका व थाईलैंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (बिस्ट-इसी) के नाम से जाना जाता था. म्यांमार ने बिस्ट-इसी में पर्यवेक्षक की भूमिका निभायी थी. बाद में, म्यांमार को भी इस संगठन में शामिल कर लिया गया था. जिसके बाद, इसे बिम्स्ट-इसी यानी बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका व थाईलैंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन कर दिया गया. सन् 1998 में नेपाल को इस संगठन का पर्यवेक्षक बनाया गया और फिर, फरवरी 2004 में नेपाल व भूटान इस संगठन के नये सदस्य बने. इन सात देशों के समूह का पहला सम्मेलन 31 जुलाई, 2004 के दिन बैंकॉक में आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में इस समूह का नाम बदलकर बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन यानी बिम्सटेक रखा गया था.
संगठन के मुख्य उद्देश्य
बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी के तटीय दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में तकनीकी और आर्थिक सहयोग विकसित करना है. इसके लिए संगठन ने निवेश, टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट, कृषि, मत्स्य पालन, परिवहन और संचार, कपड़ा, चमड़ा आदि कुल 14 प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान की है, जिनका नेतृत्व बिम्सटेक के अलग-अलग सदस्य देश करते हैं. समूह में शामिल सात देशों की आबादी 1.5 अरब है, जो दुनिया की आबादी का 22 फीसदी है. इस समूह का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2500 अरब डॉलर है. बिम्सटेक में शामिल देशों की संयुक्त प्रति व्यक्ति आय लगभग 2.8 लाख करोड़ डॉलर (करीब 196 लाख करोड़ रुपये), है. बिम्सटेक देशों ने 2012 से 2016 तक 3.4 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत के बीच वृद्धि की औसत वार्षिक दर को बरकरार रखा है.
भविष्य की योजनाएं
संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों में मजबूती से शामिल होकर 2030 तक बिम्सटेक क्षेत्रों में गरीबी दूर की जाये.
कृषि तकनीक का आदान-प्रदान, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों में कमी लाना.
व्यापार और निवेश में बढ़ोतरी.
बिम्सटेक सदस्यों का जनता के के लिए आसान वीजा प्रक्रिया लागू करना.
आतंकवाद और इसके सभी रूपों का पुरजोर विरोध और इसके किसी भी प्रकार के समर्थन का प्रतिकार करना.
बहुआयामी संबंधों में बढ़ावा, ताकि क्षेत्र साझा समृद्धि की ओर बढ़े.
सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए आपस में व्यापार और निवेश के महत्व को प्रसार देना.
देश- नेतृत्व वाले क्षेत्र
भारत -परिवहन व संचार, पर्यटन, पर्यावरण व आपदा प्रबंधन और आतंकवाद से मुकाबला व अंतरराष्ट्रीय अपराध
बांग्लादेश- व्यापार व निवेश और जलवायु परिवर्तन
भूटान- सांस्कृतिक सहयोग
म्यांमार- ऊर्जा और कृषि
नेपाल- गरीबी उन्मूलन
श्रीलंका- विज्ञान व तकनीक (भारत के साथ मिलकर)
थाईलैंड- मछली पालन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और पीपल-टु-पीपल कॉन्टैक्ट

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