स्मार्टगांव एप के जरिये बदल रही गांव की सूरत

स्मार्टफोन के जरिये इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के बीच गांवों तक लोगों को इसका फायदा पहुंचने लगा है. ग्रामीण इलाकों में भी इसकी भरपूर पैठ और यूजर्स की संख्या में सालाना 26 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या 45 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है. स्टार्टअप्स और छोटे उद्यम ऐसे मोबाइल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 1, 2018 9:23 AM

स्मार्टफोन के जरिये इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल के बीच गांवों तक लोगों को इसका फायदा पहुंचने लगा है. ग्रामीण इलाकों में भी इसकी भरपूर पैठ और यूजर्स की संख्या में सालाना 26 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या 45 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है. स्टार्टअप्स और छोटे उद्यम ऐसे मोबाइल एप्स विकसित कर रहे हैं, जिससे गांव के लोगों की जिंदगी आसान हो रही है और वहां तक विकास पहुंच रहा है. आज के इन्फो टेक में जानते हैं एक ऐसे ही गांव के बारे में, जिसमें दो युवाओं ने मिल कर बदलाव लाने की कोशिश की है…

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले का गांव तौधकपुर आज दुनियाभर में चर्चित है. दो आइटी प्रोफेशनल्स- योगेश साहू और रजनीश बाजपेयी ने मिलकर इस गांव की दशा-दिशा बदल दी है. आज स्मार्ट सिटी को दौड़ में शामिल बड़े शहरों को टक्कर देकर तौधकपुर देश का शायद पहला ऐसा गांव है, जो पूरी तरह से हाइटेक है. इन दोनों ने ‘स्मार्टगांव’ नाम से एक एप बनाया है. यह एप तौधकपुर गांव के सारे लोगों और बाहर के लोगों को एक साथ जोड़ता है. इससे गांववालों को सूचनाएं और जानकारियां मिलती हैं. इसमें बाजार की जगह, हेल्पलाइन और अन्य किस्म के विकास से जुड़ी तमाम जानकारी है.

क्या है उद्देश्य
यहां स्मार्ट की व्याख्या इस प्रकार की गयी है :

एस : सोशल सिक्योरिटी स्कीम.

एम : मोडर्न अर्बन फैसिलिटी.

ए : एडोप्टिंग स्मार्ट एग्रीकल्चरल प्रेक्टिसेज.

आर : रोड, इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी.

टी : टेक सेवी.

यानी इसका मकसद गांव के लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और आधुनिक शहरी सुविधाओं को मुहैया कराने के अलावा स्मार्ट कृषि के तरीके अपनाने, अच्छी सड़क व यातायात सुविधा के साथ ही तकनीकी प्रेमी होने की ओर प्रोत्साहित करना है.

विजन
स्मार्टगांव कुछ लक्ष्य के साथ निश्चित दिशा में स्वस्थ प्रतियोगिता की भावना बढ़ाने के लिए पहल करते हैं.

मिशन
इसका मिशन युवाओं का विकास है. इसके लिए उन्हें कारोबार के नये मौके मुहैया कराने के लिए बेहतर आर्थिक पृष्ठभूमि प्रदान करना है. गांवों को एक डिजिटल सशक्त समाज में बदलना है और आधुनिक दुनिया में कामयाब होने में उनकी मदद करना है.

प्रशिक्षण और विकास
इस एप के जरिये लोग अपने गांव की परेशानी आसानी से सुलझा सकते हैं. सभी गांव अपना पंजीकरण स्मार्टगांव वेबसाइट पर कर सकते हैं. इससे जुड़ने के बाद वह अपनी परेशानियों को व्यक्त कर पायेंगे.

ये सुविधाएं मौजूद हैं गांव में

वाई-फाई जोन.

सीसीटीवी कैमरा.

स्ट्रीट लाइट.

वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम.

क्या है इस एप में

किसानों के लिए आसपास की मंडियों की जानकारी.

विकास कार्य को रिकॉर्ड, ट्रैक और मॉनिटर करने की सुविधा.

गांव की फोन डायरेक्टरी.

खबरों के लिए सेक्शन.

इवेंट्स की सूची.

छोटे से गांव की बड़ी खासियतें

गांव के हर घर में साफ और शुद्ध पीने का पानी पहुंच रहा है.

सरकारी स्कूल पूरी तरह से बदल गया है.

स्वास्थ्य केंद्र आधुनिक हो गया है.

हेल्थ सेंटर और इन्फोर्मेशन सेंटर.

गांव को 18-20 घंटे बिजली मिलती है.

ग्रामीणों ने लगवा रखा है सोलर एनर्जी सिस्टम.

क्यों चुना गयायह गांव
योगेश और रजनीश आईआईटी बॉम्बे में मिले थे. वर्ष 2000 से लेकर 2004 तक दोनों यहां पर साथ पढ़े थे. योगेश को रजनीश की सामाजिक एकरसता पसंद आयी. तौधकपुर गांव को इसलिए चुना गया, क्योंकि रजनीश इसी गांव के रहनेवाले हैं. वे अभी अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं और साल में एक बार भारत आते हैं.

कंट्रोल रूम से निगरानी
इस गांव में अनेक जगहों पर बिजली के खंभों पर सीसीटीवी कैमरे और लाउडस्पीकर लगाये गये हैं. निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. यहां से लोगों को विविध प्रकार की जानकारियों से अवगत कराया जाता है.

एक नजर में यह गांव

आबादी : 3,500

शौचालय : 242

सरकारी हैंडपंप : 54

सीसीटीवी : 16

लाउडस्पीकर : 25

नोट : गांव में एक प्राइमरी स्कूल है, जिसमें करीब 100 बच्चे पढ़ते हैं.

पंचायत घर भी डिजिटल है.

वर्ष 2015 में भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका की यात्रा पर आये थे. यहां उन्होंने इस प्रकार की चुनौतियों को स्वीकार करने की बात कही थी. तब से ही मेरे दिमाग में अपने गांव के लिए कुछ इस तरह से करने की योजना बनी. मेरे मित्र ने इसे साकार करने में भरपूर योगदान दिया.

– रजनीश बाजपेयी, टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर, मल्टीनेशनल कंपनी, अमेरिका

स्मार्ट का मतलब यह नहीं होता कि आप महज डिजिटल साक्षर हों, यह विकास के समग्र मॉडल को जोड़ता है, जहां जीने का एक आदर्श तरीका हो. हमारे लिए स्मार्ट का मतलब है सिस्टम को लोगों से जोड़ना. हर व्यक्ति की सारी समस्या का व्यावहारिक समाधान निकालना.

– योगेश साहू, आईटी विशेषज्ञ, मोबाइल और इंटरनेट प्रौद्योगिकी

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