Aligarh News: अलीगढ़ एस्ट्रोलॉजर पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि 6 तारीख को भद्रा काल लग रहा है जो मंगलवार सुबह तक रहेगी. होली का त्यौहार भद्राकाल में नहीं मनाया जाता, इसलिए होली का का दहन मंगलवार शाम 6:24 लेकर 8:24 का मुहूर्त है. इस मुहूर्त में ही होलिका दहन किया जाएगा. इसके बाद 8 तारीख की सुबह 4:24 से 5:54 मिनट के बीच सुंदर मुहूर्त होगा और बताया कि हमारा हिंदुस्तान इस त्यौहार को भाईचारे और प्रेम के रूप में मनाता है. इसमें जौ बाली भुजने के बाद एक दूसरे को दी जाती है. उन्होंने बताया कि 8 मार्च दिन बुधवार को होली मनाई जाएगी. जिसमें गुलाल और रंग भगवान को लगाकर , बड़े- बूढ़े को लगाकर चरण छुए जाते हैं.
उन्होंने बताया कि होली मनाने को लेकर पुरानी मान्यताएं हैं . भक्त प्रहलाद और होलिका की कहानी ज्यादातर लोग जानते हैं. इसके अलावा राक्षसी डोंडा की कहानी और कंस और पूतना की कहानी भी आती है . इस संदर्भ में राधा और कृष्ण की ब्रजभूमि में खेली जाने वाली होली विशेष तौर पर प्रसिद्ध है . उन्होंने बताया कि फागुन मास जब शुरू होता है ब्रज क्षेत्र में राधा और कृष्ण को प्रमुखता दी जाती है . इसमें रंग के रूप में मौज मस्ती की जाती है . ब्रज क्षेत्र में जहां जहां राधा कृष्ण का मंदिर है . एक महीने पहले ही होली का त्यौहार शुरू हो जाता है . देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आकर व क्षेत्र में होली मनाते हैं.
पंडित हृदय रंजन शास्त्री ने बताया कि जिनके यहां अकाल मृत्यु हो जाए. उस साल होलिका का त्यौहार मनाना निषेध है. लेकिन साल भर में उनके यहां कोई खुशहाली जैसे पुत्र रत्न की प्राप्त होती है. तो त्योहार मनाने का विधान बन जाता है. उन्होंने बताया कि होली ही एक ऐसा त्यौहार है जिसमें व्यक्ति जाति - पाती , छोटा- बड़ा , ऊंच-नीच को छोड़कर एक दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाते हैं. खाते पीते हैं 0मिष्ठान पकवान बनते हैं. इस त्यौहार में ठंडई भी बनती है. लोग नाचते गाते हंसी - खुशी से त्यौहार मनाते हैं.
देश, दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, टेक & ऑटो, क्रिकेट और राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए