जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाते हुए उनका चुनाव रद्द कर दिया था.
हांलाकि बाद में लंदन के ‘द टाइम्स’ अख़बार ने टिप्पणी की, "ये फ़ैसला उसी तरह का था जैसे प्रधानमंत्री को ट्रैफ़िक नियम के उल्लंघन करने के लिए उनके पद से बर्ख़ास्त कर दिया जाए."