।। दक्षा वैदकर।।
नयी जॉब, नयी पोजिशन, नये शहर, नये दोस्त व नये कस्टमर्स के आने की वजह से अकसर हम पुराने लोगों को भूलते जाते हैं. पिछले दिनों किसी ने मुङो अच्छी सीख दी. दरअसल, शहर बदलने के बाद मैंने अपने एक सोर्स को फोन करना बंद कर दिया था. कह सकते हैं कि नये शहर में जाने की वजह से उनकी जरूरत पड़नी बंद हो गयी. जब भी वे फेसबुक पर चैट में आते, एक ही बात कहते कि आजकल तुमने फोन करना ही बंद कर दिया है. मैं उन्हें यही जवाब देती कि मैं बहुत व्यस्त थी, इसलिए वक्त नहीं निकाल पायी. एक दिन अचानक किसी खबर के लिए मुङो उन्हें फोन लगाना पड़ा. उन्होंने फोन उठाते ही पहली लाइन कही, ‘बताओ क्या काम है?’ मैंने थोड़ा ङोंपते हुए कहा कि काम की वजह से नहीं, यूं ही लगाया. वे बोले, ‘बेटा मैं बुजुर्ग हो गया हूं. मेरा अनुभव बहुत ज्यादा है. मुङो पता है कि आज की जनरेशन के पास सिर्फ हालचाल पूछने का वक्त नहीं. तुम नि:संकोच होकर काम बताओ. मैंने उन्हें काम बताया और उन्होंने उसे पूरा भी कर दिया.
इस वाकये ने मुङो यह सबक सिखाया कि पुराने दोस्तों से यूं ही बात करना बंद नहीं करना चाहिए. उनसे संपर्क में रहना चाहिए. बेहतर इंसान वही है, जो पुराने का हाथ थामे हुए नये दोस्त बनाते चले जाये. यह बात केवल दोस्तों के साथ ही नहीं, बल्कि बिजनेस में भी लागू होती है. बिजनेस की तेज गति में नये-नये कस्टमर बनाने में हम इतने मशगूल हो जाते हैं कि अकसर उन लोगों पर ध्यान ही देना भूल जाते हैं, जो लंबे समय से हमारे कस्टमर होने के बाद अचानक ही अलग हो गये. हम बस आगे देखते हैं, मुड़कर पीछे नहीं. लेकिन यह आदत सही नहीं है. आपको अगर बिजनेस बढ़ाना है, तो आपको जानने की कोशिश करनी होगी कि पुराने कस्टमर्स ने आपका साथ क्यों छोड़ दिया.आप ऐसे लोगों की सूची बनायें और उनसे संपर्क करें. इस बात पर अपना इगो हावी न होने दें. इस तरह आपको पता चलेगा कि आपकी सर्विस में कहीं कोई कमी तो नहीं? प्रोडक्ट का खराब होना, सही वक्त पर डिलीवरी न होना जैसी बातें आपको पता चल सकेंगी.
बात पते की..
अपने पुराने दोस्तों को समय-समय पर, त्योहारों पर फोन लगाते रहें, उनसे सोशल साइट्स के जरिये जुड़े रहें. उनके हालचाल पूछते रहें.
किसी भी व्यक्ति को अगर आप केवल काम के वक्त फोन लगायेंगे, तो निश्चित रूप से वह आप से नाराज होगा और आपको मतलबी समङोगा.