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पुलिस को खुली चुनौती दे रहा है कुख्यात शातिर अंजनी ठाकुर

मुजफ्फरपुर : फरमान मानने से इनकार करनेवालों पर स्वचालित हथियार से गोलियां बरसा हत्याकांडों को अंजाम दे रहा शातिर अपराधी अंजनी ठाकुर पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. पिंटू ठाकुर के हत्या कर दहशत कायम करने के बाद वह संवेदक व व्यवसायियों से रंगदारी की मांग करने लगा. ठेकेदार अतुल से भी पांच माह […]

मुजफ्फरपुर : फरमान मानने से इनकार करनेवालों पर स्वचालित हथियार से गोलियां बरसा हत्याकांडों को अंजाम दे रहा शातिर अपराधी अंजनी ठाकुर पुलिस के लिए चुनौती बन गया है. पिंटू ठाकुर के हत्या कर दहशत कायम करने के बाद वह संवेदक व व्यवसायियों से रंगदारी की मांग करने लगा. ठेकेदार अतुल से भी पांच माह पहले दो लाख की रंगदारी मांगी थी. इनकार करने और सुरक्षा के लिए कानून की शरण लेने की हिमाकत करने पर गुरुवार को उसे भी एके-47 से भून दिया. अतुल की हत्या के बाद शहर के लेकर देहाती क्षेत्र के व्यवसायी और ठेकेदारों में दहशत है.

पिंटू की हत्याकांड से सुर्खियों में आया था

पिंटू की हत्या से सुर्खियों में आया था अंजनी. मिठनपुरा थाना के रामबाग निवासी सामाजिक कार्यकर्ता व व्यवसायी पिंटू ठाकुर की एके-47 से हत्या के बाद सुर्खियों में आये अंजनी ठाकुर का दहशत कायम हो गया था. इसके बाद वह व्यवसायी व संवेदकों से भयादोहन करना शुरू कर दिया. 10 अक्तूबर 2016 को रोहुआ राजाराम निवासी दीपक के घर पर एके-47 बरसा कर जमीन व्यवसायी पिंटू ठाकुर की हत्या करने के बाद शातिर अपराधी अंजनी ठाकुर सुर्खियों में आया था. इस घटना के बाद मुसहरी व शहर से जुड़े आसपास के क्षेत्र के व्यवसायी व संवेदकों के बीच दहशत का माहौल कायम हो गया. बताया जाता है कि उसके नाम से खौफजदा कई व्यवसायियों ने रंगदारी की राशि किस्तों में देनी शुरू भी कर दी थी. इसी क्रम में दिसंबर 2016 में उसने ठेकेदार प्रणव कुमार शाही से भी दो लाख की रंगदारी मांग दी. इनकार करने पर फोन कर कई बार हत्या की भी धमकी दी. मामले की प्राथमिकी 3 दिसंबर को मुसहरी थाने में दर्ज हुआ.

पुलिस ने सीम देनेवालों को किया था गिरफ्तार

मामले की छानबीन के बाद पुलिस अंजनी ठाकुर को सिम उपलब्ध करानेवाली टीम के सदस्य मुकुल,संजीत,हिमांशु व दीपक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. पुलिस की निष्क्रियता से हुई ठेकेदार की हत्या. मुकुल के खुलासे के बाद अंजनी की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया था. लेकिन पुलिस उसकी गिरफ्तारी में लगातार असफल रही है. इतना ही नहीं अतुल से रंगदारी मांगने के मामले में जेल गये मुकुल के एक माह पहले छूटने की जानकारी होने के बाद भी पुलिस उसके गतिविधियों पर निगाह रखना उचित नहीं समझा. बताया जाता है कि रंगदारी मामले में जेल भेजे जाने से बौखलाये मुकुल भी ठेकेदार से बदला लेने के फिराक में था. जेल से छुटने के बाद कन्हौली निवासी बगल के मुहल्ले में रह रहें अतुल के हत्या के लिए रेकी करने लगा. अंतत: गुरुवार को उसकी हत्या भी कर दी गयी.

अतुल को नहीं मिली थी सुरक्षा

अंजनी के शागिर्द राकेश का उसी मुहल्ले में है डेरा. पूर्वी चंपारण के शातिर अपराधी टुन्ना सिंह गिरोह का शूटर राकेश के भी उसी मुहल्ले में रहने की बात पुलिस जांच में सामने आयी है. बताया जाता है कि अतुल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए शातिर अंजनी ठाकुर भी चार दिन पहले से उसी मुहल्ले में राकेश के घर जमा हुआ था. इस जानकारी के बाद पुलिस राकेश के डेरा के सत्यापन में भी जुट गयी है. अतुल ने मांगी थी सुरक्षा. रंगदारी मांगे जाने के बाद ठेकेदार अतुल जिला और पुलिस प्रशासन को आवेदन देकर सुरक्षा की मांग भी की थी. परिजनों ने बताया कि अतुल शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन भी दिया था. रंगदारी नहीं देने पर अंजनी ठाकुर द्वारा बार-बार फोन से धमकी दिये जाने की सूचना भी उसने प्रशासन को दी थी. इसके बाद भी उसके न तो सुरक्षा मुहैया करायी गयी और न ही शस्त्र का लाइसेंस दिया गया.

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