वाशिंगटन/ मुंबई : भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण का नकारात्मक असर दिख रहा है.वैज्ञानिकों ने आगाह किया इस ग्रीष्म मॉनसून के दौरान भारत में तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहे नासिक, कानपुर और दुर्गापुर जैसे शहरों में पहले से स्थापित शहरों की तुलना में बहुत अधिक बारिश हो सकती है.
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तेजी से बढ़ते शहरीकरण का जलवायु पर पड़ेगा प्रभाव, अधिक बारिश की आशंका
वाशिंगटन/ मुंबई : भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण का नकारात्मक असर दिख रहा है.वैज्ञानिकों ने आगाह किया इस ग्रीष्म मॉनसून के दौरान भारत में तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहे नासिक, कानपुर और दुर्गापुर जैसे शहरों में पहले से स्थापित शहरों की तुलना में बहुत अधिक बारिश हो सकती है. अमेरिका […]
अमेरिका के पर्ड्यू विश्वविद्यालय और आईआईटी, बंबई के अनुसंधान में जो बात निकलकर सामने आयी है वह भारत के परिप्रेक्ष्य में खासा महत्व रखती है, जहां ‘स्मार्ट शहरों’ और आधुनिक अवसंरचना के विकास पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है. अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक यह अध्ययन इन क्षेत्रों में तूफानी जल प्रणाली, जल संसाधन नीति और शहरी बाढ प्रबंधन को आकार देने में अहम साबित हो सकती है.
पर्ड्यू के प्रोफेसर देव नियोगी ने बताया कि बारिश से जुडे पूर्व के अध्ययनों के परिणाम आने वाले समय में पूर्वानुमान बताने के लिए काफी नहीं होंगे. अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि नासिक, कानपुर, दुर्गापुर और मेंगलुरु जैसे तेजी से बढते शहरों में मुंबई, नई दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई जैसे पहले से स्थापित शहरों के मुकाबले अधिक वर्षा हो सकती है.
नियोगी ने कहा, ‘‘बारिश की प्रवृत्ति में भारत भर में बदलाव हो रहा है. हमने पाया है कि शहरीकरण जैसी वैश्विक और स्थानीय परिस्थितियां और वे किस प्रकार बारिश जैसे जलवायु के पहलुओं को प्रभावित करते हैं, इस पर गौर करने की जरुरत है.” इस अध्ययन का प्रकाशन ‘जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स’ में हुआ है.
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