वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की पहली वर्षगांठ पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चेताया है. ओबामा ने इस परमाणु समझौते करार की ‘‘महत्ता एवं ठोस परिणामों’ पर जोर दिया और चेताया कि विश्व की बडी शक्तियों के समर्थन वाले इस समझौते को रद्द नहीं किया जाए.
ओबामा ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर स्पष्ट रुप से इशारा करते हुए कल कहा, ‘‘अमेरिका को यह याद रखना चाहिए कि यह समझौता वर्षों के कार्य का परिणाम है और यह केवल अमेरिका एवं ईरान ही नहीं, बल्कि विश्व की बडी शक्तियों के बीच समझौते का प्रतिनिधित्व करता है.’ उन्होंने कहा कि इस समझौते से ‘‘अमेरिका एवं विश्व को एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए महत्वपूर्ण, ठोस परिणाम मिले हैं’ और ‘‘यह ईरान को परमाणु हथियार प्राप्त करने से पुष्ट तरीके से रोकता है.’ ओबामा ने कहा कि इस प्रकार का कूटनीतिक समाधान ‘‘एक अनियंत्रित ईरानी परमाणु कार्यक्रम या पश्चिम एशिया में एक अन्य युद्ध की स्थिति में कहीं अधिक बेहतर’ है.
ट्रंप ने परमाणु समझौते की अक्सर निंदा की है और उन्होंने जर्मनी के बिल्ड समाचार पत्र एवं ‘टाइम्स ऑफ लंदन’ को रविवार को दिए साक्षात्कार में भी कहा था, ‘‘मैं ईरान समझौते से खुश नहीं हूं। मुझे लगता है कि यह अब तक के सबसे खराब समझौतों में से एक है.’ लेकिन उन्होंने इस बात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह समझौते पर ‘‘फिर से वार्ता’ करना चाहते हैं या नहीं जबकि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनाव प्रचार अभियान में लगातार इस बात पर जोर दिया था.