23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

संसद की गरिमा हुई तार-तार

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में यह अपने तरह की पहली घटना है, जिसने संसद की गरिमा को तार-तार कर दिया है. संसद में हो-हंगामा नया नहीं है, खासकर पिछले एक साल से राज्यसभा और लोकसभा दोनों में अनुशासन की कमी दिखी, लेकिन सदन के अंदर मिर्च पाउडर का स्प्रे करना और फिर माइक तोड़ने की […]

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में यह अपने तरह की पहली घटना है, जिसने संसद की गरिमा को तार-तार कर दिया है. संसद में हो-हंगामा नया नहीं है, खासकर पिछले एक साल से राज्यसभा और लोकसभा दोनों में अनुशासन की कमी दिखी, लेकिन सदन के अंदर मिर्च पाउडर का स्प्रे करना और फिर माइक तोड़ने की घटना नयी है. तेलंगाना और अन्य मसलों पर अनुशासन बहाल करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने कोई कदम नहीं उठाया. उसी का नतीजा है यह घटनाक्रम. जब इन सांसदों को सदन से निलंबित करना चाहिए था, तब स्पीकर ने कोई कदम नहीं उठाया. अगर इन सांसदों को बजट सत्र में ही निलंबित कर दिया गया होता, तो ऐसी घटना नहीं होती. सदन चलाने की जिम्मेवारी के साथ उसकी गरिमा बनाये रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को कई अधिकार प्राप्त हैं.

उन्हें इन अधिकारों का प्रयोग करना चाहिए. स्पीकर इसे शर्मनाक घटना बता कर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकतीं. पिछले कई महीने से संसद काम ही नहीं कर रहा. ऐसे में उन्हें सख्त कदम उठाने चाहिए थे.

संसदीय कार्यवाही की हालत यह है कि विधेयक मिनटों में पारित कर दिये जाते हैं. क्या 120 करोड़ लोगों के लिए ऐसे ही कानून बनना चाहिए? जिस तरह स्कूल, कॉलेज को सुचारु रूप से चलाने के लिए अनुशासन जरूरी है, उसी तरह सदन चलाने के लिए अनुशासन होना चाहिए. सभी दलों को इस पर विचार करना चाहिए. सभी राजनीतिक दलों की जिम्मेवारी है कि सदन की गरिमा का ख्याल रखें. लेकिन राजनीतिक दलों ने सदन को अखाड़ा बना दिया है.

यह भी पहली बार देखने को मिला कि प्रधानमंत्री के सामने सरकार के ही मंत्री ने सदन में हंगामा किया, लेकिन प्रधानमंत्री ने कोई कदम नहीं उठाया. उन्हें तत्काल सभी मंत्रियों को बरखास्त करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर देनी चाहिए थी. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कर अपनी जिम्मेवारी नहीं निभायी.

यही नहीं, सदन के भीतर गृह मंत्री को चार-पांच मंत्री सुरक्षा दे रहे थे. ऐसा नजारा शायद ही कभी सदन में देखा गया होगा. मौजूदा सरकार ने 10 साल में सदन की गरिमा को जो ठेस पहुंचायी है, उसे सुधारने में 100 साल लग जायेंगे. सदन की घटना को निंदनीय और शर्मनाक बताने से काम नहीं चलनेवाला. सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी शर्मनाक घटना न हो सके.

।। ए सूर्यप्रकाश ।।

(राजनीतिक विश्लेषक)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें