दो दिवसीय सिकंदरा महोत्सव का समापन
महोत्सव के अंतिम दिन भोजपुर गायिका देवी ने बिखेरा जलवा
सिकंदरा (जमुई) : अखंड सिकंदरा के खोये हुए गौरव को वापस दिलाने व सिकंदरा के सम्यक विकास की परिकल्पना पर आयोजित दो दिवसीय सिकंदरा महोत्सव का मंगलवार को समापन हो गया. सिकंदरा महोत्सव के अंतिम दिन प्रख्यात भोजपुरी लोकगीत गायिका देवी की प्रस्तुति ने माहौल में समां बांध दिया.
भक्ति गीत नीमिया की डार मैया से गाने के बाद अपने लोकप्रिय अलबम पुरवा बयार के गीत बहे के पुरवइया हो रामा बह गैले पछिया सजनमा रे गाकर दर्शकों का मन मोह लिया. साथ ही अंगुली में डंसलय पिया नगीनियां रे,परवल बेचेल जाईल भागलपुर, कजरावाली गजरावाली, पनियां भरन गइले, अइलै मोरे राजा, हो गोरी चोरी छुपे मिलल ठीक नइखे सहित कई सुरीली गीतों से देवी के आवाज का जादू दर्शकों के सिर चढ़कर बोलता दिखा.
वहीं लोकप्रिया गायिका देवी ने ये जो हल्का-हल्का सुरूर है,कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, सजन राजधानी पकड़ के आ जईयो आदि गीतों से दर्शकों के धड़कन की रफ्तार को राजधानी एक्सप्रेस से भी तेज कर दिया. दर्शकों के जोश व माहौल में चढ़ती खुमारी को भांपते हुए देवी ने अबकी होलिया में आजा ऐ हमार राजा जी,खेले फागुनमा में होरी हो, पिया गेलय कलकत्तवा हे सजनी जैसे होली गीतों को गाकर दर्शकों को अपनी सुरों के रंग में सराबोर कर डाला.
वहीं देवी के साथ आये इम्तियाज साहिल व अनामिका ने रात की रवानी व आसमान में चांद व बादल की अठखेलियों के बीच छुप गये सारे नजारे, ये रेशमी जुल्फें,चलाओ न नैनों से वाण रे जैसे सुरीली व कर्णप्रिय गीतों को गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम के दौरान बोर्ड पर राकेश सिन्हा,नाल पर गोलू,पैड पर राजेश ,गिटार पर वाती व सैक्सोफोन पर मो. शमसुद्दीन ने देवी का साथ देकर माहौल में चार चांद लगा दिया. उद्घोषक के रूप में अश्विनी कुमार ने भी दर्शकों की खूब तालियां बटोरी. इस दौरान कई प्रबुद्ध लोगों ने देर रात तक देवी के मनमोहक प्रस्तुति का लुत्फ उठाया.