दिल के इलाज को आसान बनाने की दिशा में भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने बड़ी सफलता हासिल की है. इसका फायदा आम लोगों तक पहुंचा, तो जल्द ही ऐसे मरीजों को पेसमेकर बिना किसी सर्जरी के लगाये जा सकेंगे. इसके लिए खासतौर पर तैयार पेसमेकर न सिर्फ साइज में बहुत छोटे होंगे, बल्कि इनमें किसी लीड का भी झंझट नहीं होगा.
मौजूदा पेसमेकर का 10} है आकार : अमेरिका के माउंट सिनाई हॉस्पिटल में भारतीय मूल के डॉक्टर विवेक रेड्डी ने हाल ही में एक मरीज में इस पेसमेकर का सफल इंप्लांट किया. चांदी की छोटी ट्यूब जैसा नजर आने वाला यह पेसमेकर कुछ ही सेंटीमीटर लंबा है, जिससे इसका साइज ट्रेडिशनल पेसमेकर के मुकाबले 10 फीसदी से भी कम रह गया है. फिलहाल यह पेसमेकर सुरक्षा और फायदे के लिहाज से क्लीनिकल ट्रायल के दौर में है. लीडलेस 2 नाम के ट्रायल के तहत इसका परीक्षण 670 मरीजों पर किया जायेगा. इन मरीजों का रजिस्ट्रेशन अमेरिका, कनाडा और यूरोप के 50 सेंटरों पर किया जा रहा है.
कम हार्ट बीट में भी चलेगा
इसे जरूरत न होने पर हटाया भी जा सकेगा. लेकिन यह भी ट्रेडिशनल पेसमेकर की तरह ही बेहद कम हार्ट बीट के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकेगा. ट्रायल अभियान के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर श्रीनिवास दुक्कीपती का कहना है कि ट्रेडिशनल पेसमेकर जैसा ही रिजल्ट बेहद छोटे, लीड फ्री और ज्यादा फायदों वाले पेसमेकर से बिना किसी सर्जरी की परेशानी के मिल सकेगा.