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‘चीनी सामान के बहिष्कार का नुकसान भारत को ही’

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा है कि चीन ने भारत को चेतावनी दी है कि भारत में चीनी सामान के बहिष्कार का असर भारत में चीन के निवेश पर ही नहीं बल्कि दोनों देशों के संबंधों पर भी पड़ेगा. भारत में चीन के दूतावास की तरफ़ से बयान में कहा गया है चीनी सामान के […]

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टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा है कि चीन ने भारत को चेतावनी दी है कि भारत में चीनी सामान के बहिष्कार का असर भारत में चीन के निवेश पर ही नहीं बल्कि दोनों देशों के संबंधों पर भी पड़ेगा.

भारत में चीन के दूतावास की तरफ़ से बयान में कहा गया है चीनी सामान के बहिष्कार का नुकसान चीन को नहीं भारत को ही होगा. 2015 में चीनी निर्यात में भारत की हिस्सेदारी केवल 2 फ़ीसदी थी यानी कुल 2,276.5 अरब डॉलर.

इस बयान में कहा गया है कि द्विपक्षीय सहयोग और भारत में चीन के निवेश पर इससे पड़ने वाले असर को चीन और भारत के लोग अनदेखा कर रहे हैं.

व्यापारियों की संस्था कॉन्फ़ेडेरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने हाल ही में कहा था कि दीवाली के आस-पास चीनी सामान की बिक्री में करीब 30 फीसदी की गिरावट आ सकती है.

इससे पहले भारत ने कहा था कि अगले साल मार्च में बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश के तवांग दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं है.

इसी महीने भारत में अमरीकी राजदूत के तवांग उत्सव में हिस्सा लेने पर चीन ने नाराज़गी जताई थी.

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हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है कि विवादित इस्लामिक धर्म प्रचारक ज़ाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फ़ाउंडेशन पर रोक लगाने की पूरी तैयारी कर ली गई है.

सरकार ने आईआरएफ़ पर रोक लगाने के प्रस्ताव को लगभग तैयार कर लिया है.

इस रोक के बाद ये संस्था बैठक नहीं कर सकेगी, नए सदस्य भर्ती नहीं कर पाएगी, न ही फंड ले सकेगी.

बांग्लादेश में ढाका के कैफ़े पर हमले के हमलावरों के ज़ाकिर नाइक से प्रभावित होने की ख़बरों के बाद उन पर शिकंजा कसा गया है.

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इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि भाजपा शासित राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि धर्म संविधान के लिए अभिशाप नहीं है बल्कि संविधान का हिस्सा है इसलिए अदालत, चुनावी घोषणापत्र में क्या हो, क्या न हो इसके नियम बनाने से बचे.

एडिशनल सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान की तरफ़ से पेश होते हुए कहा कि धर्म को समाज से अलग करना मुमकिन नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली सात जजों की बेंच के सामने उन्होंने कहा अदालत के लिए इस मामले में कोई नियम बनाना संभव नहीं है.

राज्य सरकारों ने कहा कि चुनावी घोषणापत्र में क्या विषय दिया जाए ये अदालत नहीं बता सकती, बल्कि चुनाव के बाद चुनाव आयोग या फिर हाईकोर्ट को इससे जुड़े मामलों को देखने का अधिकार है.

धर्म के नाम पर वोट मांगने और धर्म की दोबारा व्याख्या के मामले पर सुनवाई के दौरान ये बातें कही गईं.

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द हिंदू ने लिखा है कि दिवाली के दो दिन पहले गुरुवार को दिल्ली में पटाखे जलाने की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर काफ़ी ऊपर था.

अनुमानों के मुताबिक आने वाले दो दिनों में भी वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ने के आसार हैं.

सेंटर फ़ॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि इसकी उम्मीद तो थी ही और हालात इससे ज़्यादा ख़राब होंगे. हमारी हवा में वायु प्रदूषण हद लांघने की कगार पर है लेकिन सरकार सर्दियों में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्या कर रही है.

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