सीसा की पहल पर महिलाओं को प्रशिक्षण
सुजीत कुमार, मुजफ्फरपुर
महिलाओं को अभी तक खेती किसानी में सहायक के रूप में माना जाता है. जैसे खेतों में रोपनी से लेकर निकउनी तक की जिम्मेवारी उनकी होती है, लेकिन खेती का गणित क्या है. इसके बारे में महिलाओं को कम ही मालूम होता है. महिलाओं की इसी जानकारी को बढ़ाने का काम सीसा (सीरियल सिस्टम इनीसिएटिव फॉर साउथ एशिया) कर रही है. संस्था की ओर से महिलाओं को खेती की बारीकियों के बारे में बताया जा रहा है. मुजफ्फरपुर के चार प्रखंडों में कैंप लगा कर महिलाओं को इसकी जानकारी दी गयी.
कैंपों में प्रशिक्षण के लिए लक्ष्य दो सौ महिलाओं का रखा गया था, लेकिन ढाई सौ महिलाओं ने खेती के गुर सीखे.
सीसा की पहल पर फिलीपिंस की संस्था महिलाओं को खेती के गुर सिखा रही है. इसमें कृषि वैज्ञानिक डॉ पंकज, डॉ रवि, डॉ अजय व कृषि विशेषज्ञ डॉ वीरेंद्र का विशेष योगदान रहा. इन लोगों ने महिला समाख्या के साथ मिल कर औराई कुढ़नी, बंदरा व बोचहां की महिलाओं को खेती के बारे में बताया. इसमें खेती के अन्य चीजों के साथ खत–पतवार नियंत्रण के बारे में भी बताया गया. जिन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया, वो महिला समाख्या से जुड़ी हुई है.
प्रशिक्षण लेनेवाली महिलाओं ने कहा, उनकी खेती को लेकर समझ और बढ़ी है. खर-पतवार से कैसे निपटा जाये. इसके बारे में जानकर अच्छा लगा. हम लोग अब इसे अपने खेतों पर आजमाएंगे. हम लोगों को इस बात का विश्वास है, इससे हमारी खेती और बेहतर होगी. वहीं, प्रशिक्षण से जुड़ी सुगंधा ने कहा, ये पहला चरण था.
इसमें शामिल महिलाओं से मार्च के महीने में फिर से बात की जायेगी, तब उनके अनुभवों के बारे में जाना जायेगा. उनकी परेशानी दूर की जायेगी. दूर किया जायेगा. महिला समाख्या की समन्वयक पूनम कुमारी ने कहा, महिलाओं में प्रशिक्षण के दौरान जो ललक दिखी. उससे साफ है, वह सीखने व आगे बढ़ने का कोई भी मौका नहीं गवांना चाहती हैं.