उड़ी हमले का बदला भारतीय जवानों ने पूरी पुख्ता तैयारी से लिया. आधी रात को पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक हुआ और पाकिस्तान के सैनिकों को इसकी कानो-कान खबर तक न हुई. पाकिस्तान की सेना जब तक सचेत होती, तब तक तो ऑपरेशन पूरा हो गया. बुधवार की देर रात भारतीय सेना के विशेष पैरा कमांडो ने पीओके में घुस कर सात आतंकी कैंप को ध्वस्त कर िदया और करीब 38 आतंकियों को मार गिराया. बीच-बचाव करने आये पाकिस्तान रेंजर्स भी इस कार्रवाई में मारे गये. इस कार्रवाई का पूरा देश को समर्थन मिला है. सेना ने पूरी कार्रवाई का वीडियो भी तैयार किया.
नेशनल कंटेंट सेल
उड़ी हमले के 11 दिन बाद बुधवार की रात करीब 12:30 बजे भारतीय सेना के विशेष पैरा कमांडोज ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. जिस तरह जवानों ने महज चार घंटे के ऑपरेशन में बिना कोई नुकसान उठाये सात आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया, उससे पता चलता है कि भारतीय सेना की तैयारी कितनी पुख्ता थी.
सूत्रों के मुताबिक, इस ऑपरेशन को लेकर बेहद खुफिया तरीके से सात दिनों तक प्लानिंग की गयी. सीमा पर हर एक्टिविटी पर करीब से नजर रखी गयी. एलओसी के पार आतंकी लॉन्चिंग पैड्स और आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर कार्रवाई के लिए विशेष कमांडो कार्रवाई के साथ हवाई हमलों की भी तैयारी को अंतिम रूप तीन दिन पहले दिया गया. केंद्र सरकार से कार्रवाई की हरी झंडी मिलते ही भारतीय सेना पीओके में आतंकी कैंपों पर हमला बोल दिया.
पाकिस्तानी सेना द्वारा संभावित किसी बड़ी जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर श्रीनगर वायुसेना एयरपोर्ट पर सुखोई विमानों को भी तैयार रखा गया था. सेना को बोफोर्स से हमलों के लिए भी तैयार रहने को कहा गया था. भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों के पास इस बात की पक्की सूचना थी कि आतंकियों के लॉन्चिंग पैड कहां हैं और आतंकी किन-किन हथियारों से लैस हैं.
इसकी पूरी जानकारी थी.
तब पीएम ने कहा था दोषियों को बख्शेंगे नहीं
ऐसी कायराना घटना को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जायेगा. वीर सपूतों की शहादत सिर्फ उन परिवारों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र की क्षति है. सेना बोलती नहीं, बल्कि पराक्रम दिखाने में विश्वास रखती है. यह कायरतापूर्ण कृत्य पूरे देश को झकझोरने के लिए काफी था. इसको लेकर देश में शोक और आक्रोश दोनों है. हमें अपनी सेना पर गर्व है. लोगों और नेताओं को बोलने के अवसर मिलते हैं, और वे ऐसा करते भी हैं. परंतु सेना बोलती नहीं है. सेना अपना पराक्रम दिखाती है.
25 सितंबर (मन की बात)
हम उड़ी में हुए कायराना हमले की कड़ी आलोचना करते हैं. मैं राष्ट्र को भरोसा देता हूं कि इस कायरतापूर्ण हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें सजा जरूर मिलेगी. हम उड़ी में शहीद होने वालों को सलाम करते हैं. राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को हमेशा याद रखा जायेगा. मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं.
18 सितंबर (ट्विट कर कहा)
यूएन में चेताया था
शरीफ ने आतंकी बुरहान को बताया युवा नेता
पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने 21 सितंबर की रात को यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाया. शरीफ ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी को युवा नेता बताया था. उन्होंने कहा कि कश्मीर में भारतीय सेना लोगों पर अत्याचार कर रही है. मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है. उन्होंने कश्मीर से सेना हटाने, कर्फ्यू वापस लेने और सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की थी.
सुषमा ने नवाज को दिया था करारा जवाब
पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ की यूएन में संबोधन के पांच दिन बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उसी मंच से करारा जवाब दिया. साफ लहजे कहा कि पाक, कश्मीर का ख्वाब देखना बंद कर दे, क्योंकि जम्मू-कश्मीर भारत का है और रहेगा. आतंकियों को पालना उनका शौक है. ऐसे शौकीन देशों की जबावदेही सुनिश्चित करने की जरूरत है. कहा कि कश्मीर भारत का है और रहेगा.
भारत में हाई अलर्ट
बीएसएफ के सभी सीमा यूनिटों को िनर्देश
नयी दिल्ली. बीएसएफ ने जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात अपनी सभी इकाइयों को चौकसी बढ़ाने एवं रिजर्व में रखे गये सभी बल कर्मियों को लाकर चौकियों पर अपनी संख्या बढ़ाने को कहा है. बीएसएफ ने पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर आम नागरिकों की आवाजाही भी रोक दी है. अधिकारियों ने कहा कि सीमा यूनिटों से विशेष गश्त और हमले करने के लिए कहा गया है.
नार्थ -साउथ ब्लाॅक समेत िदल्ली सतर्क
नयी दिल्ली. सर्जिकल ऑपरेशन के बाद पूरी दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद कर दिया गया है, खासकर नार्थ-साउथ ब्लॉक की सुरक्षा. इन दोनों ब्लॉकों में ही प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री सहित कुछ अन्य महत्वपूर्ण विभाग के दफ्तर हैं. पास में राष्ट्रपति भवन है. इसलिए यह एरिया अतिसुरक्षित, अतिसंवेदनशील और अतिमहत्वपूर्ण है. गृह मंत्रालय के गेट के चारों ओर पुलिसकर्मी तैनात थे.
.. और पाकिस्तान में
शरीफ ने एलओसी की स्थिति की समीक्षा की
इसलामाबाद. भारत द्वारा किये गये हमलों के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को पाकिस्तान की रक्षा तैयारियों की समीक्षा की और सेना प्रमुख राहिल शरीफ तथा अन्य वरिष्ठ सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श किया. खबरों के अनुसार, राहिल ने शरीफ को नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की घटनाओं के बारे में जानकारी दी और शरीफ से कहा कि लक्षित हमलों के संबंध में भारत द्वारा किये गये दावे ‘निराधार’ हैं.
दिल्ली में बना खाका
दिल्ली में इस ऑपरेशन की तैयारी सेना मुख्यालय में बुधवार की रात शुरू हो गयी थी. राजधानी में बुधवार शाम कोस्टगार्ड कमांडर कॉफ्रेंस का डिनर रखा गया था. इसमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर, एनएसए अजित डोभाल और सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग को जाना था. डिनर में जाने की बजाय यह तीनों वार रूम पहुंचे और ऑपरेशन को अंजाम दिया.
ऑपरेशन के तीन नायक
मनोहर पर्रीकर
पीएम से हरी झंडी मिलने के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की कमान संभाली. दिल्ली में उन्होंने पीएम को पूरा खाका बताया था. उड़ी हमले के बाद पर्रीकर ने कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
अजीत डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (1968 के केरल बैच के आइपीएस) छह साल पाकिस्तान में अंडरकवर एजेंट के रूप में काम कर चुके हैं. माना जा रहा है कि पूरी प्लानिंग उन्हीं की थी, क्योंकि वह पाक को अच्छी तरह जानते हैं. आतंकियों के प्रति सख्त हैं.
जनरल सुहाग
भारतीय थल सेना के थलसेना प्रमुख हैं. उनका जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के बिशन गांव में जाट समुदाय के एक परिवार में हुआ है. ऑपरेशन पवन को इन्होंने अंजाम दिया था. इन्हें ऑपरेशन को जमीन पर उतारने की जिम्मेवारी दी गयी थी. इसे उन्होंने बखूबी अंजाम दिया.
हेलीकॉप्टर से एलओसी पर उतरे पैरा कमांडोज
बुधवार की रात करीब 12:30 बजे कश्मीर के पुंछ से एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर ध्रुव पर चार और नौ पैरा के 29 कमांडो सवार होकर पीओके में दाखिल हुए. नियंत्रण रेखा के पार हेलीकॉप्टर ने इन जवानों को एक सुनसान जगह पर उतार दिया.
तीन किमी चले पैदल
एलओसी के पास से भारतीय सेना के जवान करीब दो से तीन किमी तक पैदल चल कर पीओके के अंदर घुसे. खतरों के बीच इन जवानों ने एक साथ भिंबेर, केल, लीपा व टट्टापानी में बने आतंकियों के लॉन्च पैड्स को टारगेट पर लिया.
ग्रेनेड से किया हमला
पलक झपकते ही पैरा कमांडोज ने आतंकियों के सात कैंप को ध्वस्त कर दिया. सबसे पहले जवानों ने आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला किया. अफरा-तफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की. करीब चार घंटे तक चले इस ऑपरेशन में दर्जनों आतंकी मारे गये. इस बीच, आतंकियों के बीच-बचाव के लिए आये पाकिस्तानी रेंजर्स भी इस ऑपरेशन में मारे गये हैं.
सुबह 4:30 बजे लौट गये
ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद पैरा कमांडो के जवान सुरक्षित गुरुवार की सुबह 4:30 बजे वापस लौट आये. इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय जवानों को मामूली खरोंचें आयी हैं. पहली बार भारतीय सेना ने इस तरह के ऑपरेशन में वायुसेना की मदद नहीं ली है.
रेंजर्स को खबर नहीं
पाकिस्तान रेंजर्स को भारत के इस कदम का कोई आभास नहीं हुआ. अपनी नाकामी को छुपाने लिए गुरुवार को पाकिस्तान की सेना ने भारत द्वारा किये गये सर्जिकल स्ट्राइक से इनकार कर दिया. जबकि, आइएसपीआर ने दो जवानों के मारे जाने की बात कही है.
20 बार की घुसपैठ 150 आतंकी ढेर
भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश तेज हो गयी है. 2016 में भारतीय सेना ने घुसपैठ की 20 कोशिशों को नाकाम किया. इस दौरान 150 से अधिक आतंकी मारे गये हैं. वहीं, आधा दर्जन से अधिक जिंदा आतंकी पकड़े गये हैं.
उड़ी हमले के बाद
20 सितंबर को पाकिस्तान की ओर से उड़ी और नौगाम में घुसपैठ की कोशिश. 10 आतंकी ढेर.
22 सितंबर को बांदीपोरा में घुसपैठ की कोशिश, एक आतंकी मारा गया.
23 सितंबर को अखनूर सेक्टर में पाक के सियालकोट निवासी संदिग्ध आतंकी पकड़ा गया.
भारत ने सीमा पर से एक संदिग्ध को पकड़ा.
पाक रेंजर्स ने चार बार तोड़ा संघर्षविराम
पाकिस्तानी सैनिकों ने गुरुवार को नियंत्रण रेखा के पास दो बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया. उड़ी हमले के बाद पाक रेंजर्स ने चार बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है. बुधवार को पुंछ से सटे सब्जियां सीमा क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों ने छोटे हथियारों से भारतीय चौकियों को निशाना बनाया था. 20 सितंबर को भी रेंजर्स ने कश्मीर के इसी सेक्टर में संघर्षविराम तोड़ा था.
सेना ने कहा था
जगह व समय हम तय करेंगे
उड़ी में तलाशी अभियान पूरा हो गया है. मारे गये आतंकियों के पास से पाकिस्तान में बने सामान और हथियार मिले. 2016 में एलओसी के पार से 17 बार घुसपैठ की कोशिश की गयी. सेना ने इन सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया. घुसपैठ की इन घटनाओं में 110 आतंकी मारे गये हैं. इनमें से 31 को एलओसी पार करने की कोशिश के दौरान मारा गया. अब हम तय करेंगे कि कैसे जवाब देना है और इस जवाब का वक्त और जगह हम तय करेंगे. हमारे पास पूरी क्षमता है.
– लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, डीजीएमओ (20 सितंबर)
18 िसतंबर के बाद के घटनाक्रम
18 सितंबर : उड़ी के आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया. इसमें 18 जवान शहीद हो गये. हालांकि, चार आतंकी भी मारे गये.
19 सितंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को हमले की जानकारी दी. सेना ने कहा कि हम उचित समय और स्थान पर जवाब देंगे.
20 सितंबर : पीएम ने सीसीए की बैठक की, सुरक्षा संबंधी जानकारी ली.
21 सितंबर : भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब कर उड़ी हमले के सबूत दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाया.
22 सितंबर : सिंधु जल समझौता तोड़ने पर हुई चर्चा. इसलामाबाद के ऊपर मंडराया फाइटर प्लेन.
23 सितंबर : अखनूर सेक्टर से एक आतंकी पकड़ा गया. सीमा रेखा बढ़ी चौकसी.
24 सितंबर : प्रधानमंत्री मोदी ने केरल में पाकिस्तान से गरीबी और बेरोजगारी से लड़ने की अपील की. वहीं, नवाज शरीफ ने उड़ी हमले को कश्मीर की प्रतिक्रिया बताया. इधर, पाकिस्तानी आतंकी अब्दुल क्यूम ने बताया कि पाक फौज ने ट्रेनिंग दी थी.
25 सितंबर : मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना बोलती नहीं, पराक्रम दिखाती है.
26 सितंबर : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएन में पाकिस्तान को जवाब दिया और कहा कि पड़ोसी देश को आतंकी पालने का शौक चढ़ा है.
27 सितंबर : भारत ने पाकिस्तान को दिये गये मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा लिये जाने पर चर्चा की. सार्क में भाग लेने से भारत ने मना कर दिया.
28 सितंबर : पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया. बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने सार्क समिट में भाग लेने से मना कर दिया. वहीं, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ ने भारत को धमकी दी.
सोशल साइट्स पर ‘वर्ड वॉर’
भारतीयों ने मनाया हमले का जश्न
#मोदी पनिशेस पाक
जैसे ही ये खबर फैली कि भारतीय सेना ने एलओसी पार जाकर आतंकी कैंपों को तबाह किया और 38 आतंकियाें को मार गिराया तो सोशल साइट टि्वटर और फेसबुक पर #ModiPunishesPak ट्रेंड चलने लगा. वहीं पाकिस्तान में # chakdeIndian के ट्रेंड से लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. पाकिस्तान में सोशल साइट्स के माध्यम से कुछ लोगों ने भारत के इस कार्रवाई को झूठा बताया तो कुछ लोगों ने पाकिस्तानी हुक्मरानों को भारत पर हमला करने के लिए ललकारा.
पाकिस्तानियों ने अपने नेताओं को कोसा
#कप्तान तैयार शेर बीमार
भारत की सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान में राजनीतिक हलचलें बढ़ा दी हैं. पाकिस्तानी यूजर्स इसे पीएम नवाज शरीफ को भी कोस रहे हैं. ट्विटर पर #kaptantayyarsherbemar (कप्तान तैयार शेर बीमार) ट्रेंड कर रहा है़ एक यूजर ने लिखा कि भारत सीमा पर दबाव बढ़ा रहा है और इमरान खान को पीएम न बन पाने का गम सताये जा रहा है. एक अन्य यूजर ने लिखा कि एलओसी और पूर्वी बॉर्डर पर तनाव बढ़ रहा है और पीएम नवाज लंदन में हॉलिडे और शॉपिंग में मशगूल हैं.
सेना को मिला समर्थन
आतंकवाद एवं जो लोग इसका समर्थन करते हैं और इसे प्रायोजित करते हैं, उनके खिलाफ हम सब दृढ़ता से एकजुट हैं. कांग्रेस पार्टी और मैं अपने देश एवं अपने लोगों की रक्षा के लिए भारतीय सेना तथा अपने जवानों की बहादुरी के लिए उन्हें सलाम करता हूं.
राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष
हम सभी जिसका इंतजार कर रहे थे, वह अब हुआ है. हमारी ओर से उन सभी, जिन्हें बधाई देने की जरूरत है, की भूरि भूरि प्रशंसा. मैं बधाई दोहराता हूं.
मोहन भागवत, संघ प्रमुख
हम अपने सशस्त्र बलों के साथ हैं. एमआइएम पार्टी पूरे देश एवं सशस्त्र बलों के साथ पूरी तरह से एकजुट है. हम किसी भी तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं.
असदुद्दीन ओवैसी, अध्यक्ष एआइएमआइएम
भारत को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ आगे भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. पूरा देश सेना के साथ है. ऐसी कार्रवाई जरूरी थी.
राममाधव, भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रभारी
यह आतंकियों के लिए सबक है, आत्मसुरक्षा हमारा अधिकार है.
शाहनवाज हुसैन, भाजपा नेता
भारत माता की जय. पूरा देश भारतीय सेना के साथ है.
अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली
सर्जिकल स्ट्राइक के लिए सेना के जवानों को बधाई दी. देश की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार को समर्थन है.
एके एंटनी, पूर्व रक्षामंत्री
टेरर लॉन्च पैड्स पर हमारी सेना द्वारा वीरतापूर्ण हमले पर गर्व है. यह कार्रवाई आतंक पर कार्रवाई को लेकर भारत की इच्छाशक्ति दर्शाती है.
रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री
दुश्मनी के परिणाम और भी बुरे होंगे
जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सीमा और अंदरूनी हिस्सों में शांति काफी महत्वपूर्ण है. मैं उम्मीद करती हूं कि दोनों देशों का राजनीतिक नेतृत्व इसे उसी भावना के साथ लेगा. अंतहीन दुश्मनी झेल रहे भाइयों की तरह भारत एवं पाकिस्तान छह दशकों से झगड़ रहे हैं और इस दुश्मनी को एक परिपक्व, सकारात्मक रिश्ते में बदलना मुश्किल होगा. लगातार जारी दुश्मनी के परिणाम और भी बुरे होंगे.
महबूबा मुफ्ती, सीएम, जम्मू-कश्मीर
आठ को मारा, भारत ने कहा बकवास
पाक का दावा
नयी दिल्ली/इसलामाबाद. भारत ने पाक मीडिया के इस दावे का खंडन किया है कि एलओसी पर कार्रवाई के दौरान उसके आठ सैनिक मारे गये. पाकिस्तान के प्रमुख चैनल जिओ टीवी ने दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में भारत के आठ जवानों को न सिर्फ मारा, बल्कि एक सेना को गिरफ्तार भी किया है.
चैनल ने पकड़े गये जवान की पहचान बशान चौहान के 22 वर्षीय पुत्र चंदू बाबूलाल चौहान के रूप में की है. उधर, भारत ने कहा है क एक जवान गलती से एलओसी पार कर गया. उसकी सकुशल रिहाई के प्रयास किये जा रहेहैं. पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन के निदेशक जनरल लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने जियो न्यूज के एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत की कार्रवाई हमें उकसानेवाली है और इसका माकूल जवाब देंगे़ भारत की ओर से गुरुवार सुबह की गयी गोलीबारी में हमारे दो जवान शहीद हुए हैं.
अधिकतर ने माना भारत की कार्रवाई
विदेशी मीिडया से
भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक को अन्य देशों की मीडिया ने भी प्रमुखता से लिया है. हालांकि पाक मीडिया इसकी सत्यता पर सवाल खड़े कर रहा है. पाकिस्तान के अखबार द डॉन और द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस कार्रवाई को झूठा बताया और अपने आॅनलाइन समाचार पोर्टल पर लिखा है कि सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर भारत बकवास कर रहा है .
सीएनएन ने पाकिस्तानी सेना के हवाले से लिखा है कि भारत और पाक के बीच हुई गोलाबारी में पाक के दो जवान मारे गये हैं, जबकि भारतीय सेना इसे सर्जिकल स्ट्राइक बता रही है. बीबीसी ने इस खबर की पुष्टि की है कि भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पीओके में कई आतंकियों को मार गिराया. भारतीय सेना की ये जवाबी कार्रवाई है. द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारतीय मीडिया के हवाले से लिखा है कि ये कार्रवाई 29 सितंबर की सुबह लगभग 5:30 पर की गयी, जिसमें कुछ लोगों की जान भी गयी है.
युद्ध की आशंका से खाली होने लगे सीमा से सटे गांव
जम्मू\चंडीगढ़ : पाक की ओर से संभावित कार्रवाई के मद्देनजर जम्मू कश्मीर और पंजाब में पाकिस्तान से लगती सीमा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से वहां से हट कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है. स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रहने का आदेश दिया गया है.
पंजाब में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में गुरूद्वारों से अपील की जा रही है कि लोग सीमावर्ती इलाकों से दूर किसी सुरक्षित इलाके में चले जाएं. अटारी-वाघा सीमा पर होने वाला बीटिंग रिट्रीट समारोह भी गुरुवार को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया.
जम्मू के उपायुक्त सिमरनदीप सिंह ने कहा, ‘हमने भारत-पाकिस्तान सीमा से सात से आठ किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है तथा 10 किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का आदेश दिया गया है.’ ये निर्देश जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों तथा रजौरी और पुंछ में नियंत्रण रेखा से लगे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जारी किये गये हैं. रजौरी के नौशेरा बेल्ट में आसपास के क्षेत्रों से लोगों को हटाना शुरू कर दिया है.
इधर, पंजाब में भी अंंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों से लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है. पंजाब के छह जिलों की सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने पंजाब के सीएम बादल से फोन पर बात की और उनसे तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर अंंतरराष्ट्रीय सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों से लोगों को हटाने की प्रक्रिया तत्काल शुरु करने का अनुरोध किया.
फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तरण तारन, गुरदासपुर और पठानकोट में लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. उन्हें शिविरों में रखा जायेगा. मुख्यमंत्री ने साथ ही मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया कि छह सीमांत जिलों के सभी उपायुक्तों को एक-एक करोड़ रुपये की राशि तत्काल जारी करने को कहा है.
छुट्टियां रद्द, फौजियों का सीमाओं की ओर कूच
अनिल साक्षी
श्रीनगर : पीओके में भारतीय सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से संभावित कार्रवाई के मद्देनजर एहतियात बरती जा रहा है. भारतीय सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं. छुट्टी पर गये सैकड़ों सैनिकों को ड्यूटी पर वापस लौटने की इतला दे दी गयी है. इस बीच, जवान सीमाओं की ओर कूच कर गये हैं. रक्षा सूत्रों के अनुसार, छुट्टी पर गये हुए सभी जवानों को तत्काल ड्यूटी पर लौटने के आदेश जारी किये गये हैं. छुट्टी पर जानेवाले सैकड़ों जवानों को तार तथा अन्य संचार साधनों से सूचित किया गया है. उन्हें यह निर्देश दिये गये हैं कि वे अपनी-अपनी तैनाती के स्थान पर लौटने के लिए उन सुविधाओं का तत्काल इस्तेमाल करें, जिनकी व्यवस्था स्थानीय यूनिटों तथा राज्य सरकारों को करने के लिए कहा गया है. विशेष रेलगाड़ियों को इस कार्य में लगाया जा रहा है, ताकि फौजियों को गंतव्य तक पहुंचाया जा सके.