20.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

झारखंड : शिक्षा मंत्री गीताश्री ने कहा, सब कुछ बाहरी को नहीं दे सकते

शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा है कि कुलपति नियुक्ति में स्थानीय लोगों की उपेक्षा हो रही है. यह किसी भी हाल में बरदाश्त नहीं किया जायेगा. सब कुछ बाहरी लोगों (दूसरे राज्य) को नहीं दिया जा सकता. अगर कुलपति भी बाहर के लोग ही बनेंगे, तो स्थानीय लोग कहां जायेंगे. झारखंड के लोगों को […]

शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा है कि कुलपति नियुक्ति में स्थानीय लोगों की उपेक्षा हो रही है. यह किसी भी हाल में बरदाश्त नहीं किया जायेगा. सब कुछ बाहरी लोगों (दूसरे राज्य) को नहीं दिया जा सकता. अगर कुलपति भी बाहर के लोग ही बनेंगे, तो स्थानीय लोग कहां जायेंगे. झारखंड के लोगों को तो दूसरे राज्यों में मौका नहीं मिलता. शिक्षा मंत्री ने शनिवार को प्रभात खबर के संवाददाता सुनील कुमार झा से लंबी बातचीत की.

कुलपति की नियुक्ति में कहां गलत हो रहा है?
पूरी प्रक्रिया ही गलत है. शिक्षा विभाग को इससे पूरी तरह अलग रखा गया है. ऐसा नहीं होना चाहिए. सरकार की बिना सहमति के कुलपतियों की नियुक्ति हो रही. इसे कैसे सही माना जा सकता है.

पर कुलपति की नियुक्ति राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है, फिर आपको आपत्ति क्यों?
ऐसा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया में राज्य सरकार की भी सहमति आवश्यक है. सरकार की बिना सहमति के कुलपति की नियुक्ति को सही नहीं ठहराया जा सकता. इसलिए आपत्ति जतायी जा रही है.

इससे राजभवन व सरकार में टकराव की स्थिति नहीं बनेगी?
मैंने राजभवन को अनुरोध पत्र भेजा है. पूरे मामले पर विचार करने का आग्रह किया. मामले को लेकर राजभवन से कोई टकराव नहीं होगी. राज्यपाल से मिल कर उन्हें पूरी जानकारी दूंगी. कमेटी के लोग मनमानी कर रहे हैं.

आपकी नजर में क्या होना चाहिए, किन्हें कुलपति बनाया जाना चाहिए?
यूजीसी के नियम के अनुरूप ही कुलपति की नियुक्ति हो. राज्य सरकार की सहमति से नियुक्ति हो. अभी एक तरफा निर्णय लिया जा रहा है, जो नियम के अनुरूप नहीं है. स्थानीय लोगों को कुलपति बनाया जाना चाहिए. झारखंड में स्थानीय लोगों की काफी उपेक्षा हुई है. कमेटी ने जिन लोगों के नामों की अनुशंसा की है, उसमें स्थानीय लोगों की अनदेखी की गयी है.

आप स्थानीय लोगों की उपेक्षा की बात कह रही हैं, कैसे ?
झारखंड पांचवीं अनुसूची का राज्य है. सर्च कमेटी के गठन में इसका भी ध्यान नहीं रखा गया. सर्च कमेटी में एक भी अनुसूचित जनजाति के सदस्य को नहीं रखा गया है. चार में से दो एसटी सदस्य को रखा जाना चाहिए था. नियुक्ति प्रक्रिया में स्थानीय लोगों की उपेक्षा हुई है. सब कुछ बाहरी लोगों को नहीं दिया जा सकता. यहां के लोगों को जब इन पदों पर बाहर मौका नहीं मिलता तो, दूसरे राज्य के लोगों को यहां मौका क्यों दिया जाये.

क्या मामले में सरकार आपके साथ हैं?
मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी उन्हें दी है. मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि अगर नियुक्ति नियम के अनुरूप नहीं की जा रही है तो सरकार इसे सहमति नहीं देगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel