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आधार से लिंक करानेवाले गैस उपभोक्ताओं को 50 रुपये का चूना

रांची: झारखंड सरकार राज्य के करीब चार लाख गैस उपभोक्ताओं से एक करोड़ 75 लाख 32 हजार रुपये अधिक वसूल रही है. यह राशि गैस उपभोक्ताओं से सब्सिडी वाले प्रति सिलिंडर के एवज में ले रही है. ये वैसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) के नियम का पालन करते हुए अपने गैस कनेक्शन […]

रांची: झारखंड सरकार राज्य के करीब चार लाख गैस उपभोक्ताओं से एक करोड़ 75 लाख 32 हजार रुपये अधिक वसूल रही है. यह राशि गैस उपभोक्ताओं से सब्सिडी वाले प्रति सिलिंडर के एवज में ले रही है.

ये वैसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) के नियम का पालन करते हुए अपने गैस कनेक्शन को आधार से व बैंक से लिंक कराया है. वैसे उपभोक्ता, जिन्होंने आधार कार्ड से गैस वितरक व बैंक से लिंक नहीं कराया है, उन्हें प्रति सिलिंडर 43 रुपये 83 पैसे अतिरिक्त नहीं देने पड़ रहे हैं. यानी जिनका आधार से लिंक है, उन्हें एक सिलिंडर के 485 रुपये 33 पैसे देने पड़ रहे हैं, जबकि बिना लिंक वाले उपभोक्ता को 441 रुपये 50 पैसे प्रति सिलिंडर खर्च करने पड़ रहे हैं. राज्य में इस तरह के दो मापदंड से गैस उपभोक्ताओं को सब्सिडी के सिलिंडर के लिए दो तरह के मूल्य चुकाने पड़ रहे हैं.

राज्य में वर्तमान में 22 जिलों (चतरा और लातेहार को छोड़ कर) इंडेन के नौ लाख 79 हजार उपभोक्ता हैं. इनमें से लगभग चार लाख उपभोक्ताओं ने आधार नंबर के माध्यम से अपने कनेक्शन को बैंक लिंक करा लिया है.

जरूरी जानकारियां

गैस कनेक्शन को आधार से जोड़ना जरूरी है क्या ?

केंद्रीय मंत्री द्वारा 30 जनवरी को की गयी घोषणा के अनुसार बाध्यता समाप्त की गयी है.

डीबीटीएल समाप्त हो गया है ?

नहीं, डीबीटीएल अभी समाप्त नहीं हुआ है. इसकी तिथि में अगले आदेश तक के लिए विस्तार किया गया है.

तो क्या उपभोक्ता अभी भी आधार नंबर गैस वितरक के पास जमा करेंगे ?

हां, कंपनी चाहेगी कि उपभोक्ता अपनी सुविधा के लिए अपना आधार नंबर गैस वितरक के पास जमा कर सकते हैं.

जिन उपभोक्ता ने बैंक व गैस वितरक से आधार को लिंक कराया है, उन्हें गैस कितने में मिलेगी ?

केंद्र सरकार और आइओसी से अभी तक कोई लिखित नया निर्देश नहीं मिला है. इसकी वजह से स्थित पूर्ववत रहेगी. यानी एक सिलिंडर के लिए उपभोक्ता को करीब 1346 रुपये( हर माह राशि में परिवर्तन होगी) देने होंगे. उक्त उपभोक्ता का अगर सब्सिडी का कोटा बचा हुआ है, तो प्रति सिलिंडर 441 रुपये 50 पैसे व टैक्स के रूप में 42 रुपये 30 पैसे काटकर शेष राशि उनके खाते में चली जायेगी.

प्रति सिलिंडर करीब 43 रुपये 85 पैसे क्यों काटे जा रहे हैं ?

राज्य द्वारा पांच प्रतिशत वैट लिये जाने के कारण यह राशि काटी जा रही है.

उपभोक्ता के साथ दोहरा मापडंड क्यों हो रहा है ?

राज्य सरकार अगर पांच प्रतिशत वैट हटा ले या कम कर दे, तो उपभोक्ता को राहत मिल सकती है. इसमें आइओसी कुछ नहीं कर सकता है. यह पूरी तरह से राज्य सरकार का मामला है.

क्या वैट दोनों उपभोक्ता से लिये जा रहे हैं?

हां, दोनों प्रकार के उपभोक्ताओं से पांच प्रतिशत वैट लिये जा रहे हैं.

लिंक से सब्सिडी की राशि वापस करने का सिस्टम बंद क्यों नहीं कर दिया जा रहा है ?

इस तरह के परिवर्तन के लिए केंद्र व आइओसी से किसी प्रकार का कोई निर्देश नहीं मिला है.

नये निर्देश के अनुसार क्या सब्सिडी वाले नौ सिलिंडर से बढ़ा कर 11 सिलिंडर किया गया है ?

जिन उपभोक्ता के पास सब्सिडी के नौ सिलिंडर समाप्त हो गये हैं. उन्हें फरवरी में एक व मार्च में एक और सिलिंडर मिलेंगे. किसी भी हाल में एक माह में ही दो सिलिंडर नहीं मिलेंगे. जिन उपभोक्ता का 31 जनवरी 2014 तक सब्सिडी में आठ से कम सिलिंडर ही खपत हुए हैं, उन्हें 31 मार्च तक और दो ही सिलिंडर मिलेंगे. एक अप्रैल 2014 से सब्सिडी वाले 12 सिलिंडर मिलेंगे.

नये कनेक्शन की क्या स्थिति है ?
इंडेन द्वारा नया कनेक्शन 48 घंटे के अंदर उपलब्ध करा दिया जा रहा है. हां, एक बात जरूरी है कि कनेक्शन देने से पहले आइओसी अपनी वेबसाइट से यह पता लगाती है कि क्या संबंधित उपभोक्ता के पास पहले से गैस कनेक्शन तो नहीं है. अगर कनेक्शन होगा, तो आइओसी अब नया कनेक्शन नहीं देगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
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