।। दक्षा वैदकर ।।
पिछले दिनों मैंने देश के कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के इंटरव्यू पढ़े. यहां उनकी कुछ बातों को शेयर कर रही हूं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये बातें हर इनसान को सीखनी चाहिए. ये हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, जो प्रगति करना चाहता है.पहली : खूब पढ़ें. जब भी यात्र करें, अपने साथ पुस्तक जरूर रखें.
कोशिश करें कि एक हफ्ते में एक किताब पढ़ लें. रोजाना सोने से पहले एक घंटा पढ़ने की आदत डालें. विभिन्न क्षेत्रों के नामी लोगों की बायोग्राफी पढ़ें. एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, ‘मुङो पढ़ने की आदत है. हर सप्ताह एक कॉलम अपने अखबार में लिखता हूं. नयी पुस्तकों को पढ़ता हूं और उनके बारे में लिखता हूं. उनमें ज्यादातर अंग्रेजी पुस्तकें होती हैं, ऐसा इसलिए ताकि अंग्रेजी में पकड़ अच्छी बने. मैं पुस्तक किसी से मांग कर पढ़ना पसंद नहीं करता. खुद खरीदता हूं ताकि वह हमेशा मेरे पास रहे. मेरा मानना है कि अगर इनसान पुस्तकें न पढ़े, तो वह दुनिया से कट जायेगा. यही एक गुण है, जो आपको मार्केट में बनाये रखता है. यह आदत हर प्रोफेशन के व्यक्ति को अपनानी चाहिए. पढ़ने की आदत बनी रहे, तो नयी चीजों की जानकारियां भी मिलती रहती है.’
दूसरा : सीखना बंद न करें. विभिन्न शहरों, राज्यों में घूमें. भाषाएं सीखें. जितने क्षेत्रों का ज्ञान ले सकते हैं, लें. एक वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि ‘रिटायरमेंट जैसी कोई चीज नहीं होती. इनसान को मरते दम तक कुछ न कुछ करते रहना चाहिए, सीखते रहना चाहिए. मैं हमेशा कुछ न कुछ करता ही रहूंगा. मैं जानता हूं कि कई सारी चीजें हैं, जो मैं करना चाहता हूं और मैं जानता हूं कि वो कैसे की जाती हैं. उसके लिए आप कहीं भी बैठ कर कुछ भी कर सकते हैं. इसके लिए हमेशा किसी संस्थान का होना जरूरी नहीं है.
तीसरी बात : लोगों की मदद करें, लेकिन इसका लेखा-जोखा न रखें. लोग आपसे मदद लेने के बाद, आपका फायदा उठाने के बाद धोखा दे सकते हैं, लेकिन ऐसे वाकयों से घबराकर आप लोगों की मदद करना मत छोड़िए. मेरा मानना है कि एक्सीडेंट हो जाने के बाद भी यात्र करनी बंद नहीं की जाती है.
बात पते की..
खुद को अपडेट रखें, क्योंकि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है. अगर आप दुनिया की स्पीड से चीजें नहीं सीखेंगे, तो पीछे रह जायेंगे.
कभी भी खाली न बैठें. नयी जगहों पर जाएं, नये लोगों से मिलें, नयी पुस्तकें पढ़ें. कुल मिला कर जितना ज्ञान बटोर सकते हैं, बटोर लें.

