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अलविदा रियो: दो पदक के साथ भारत 67वें स्थान पर, बड़े नाम रहे फ्लॉप

नयी दिल्ली : ब्राजील के रियो शहर में 17 दिन बाद 31वें ओलंपिक खेलों का रविवार को रंगारंग समापन हो गया. क्लोजिंग सेरेमनी का कार्यक्रम ऐतिहासिक मारकाना स्टेडियम में रखा गया. मेडल टैली पर नजर डालें तो भारत एक कांस्य और एक रजत पदक के साथ 67वें स्थान पर रहा, वहीं सबसे अधि‍क 121 मेडल […]

नयी दिल्ली : ब्राजील के रियो शहर में 17 दिन बाद 31वें ओलंपिक खेलों का रविवार को रंगारंग समापन हो गया. क्लोजिंग सेरेमनी का कार्यक्रम ऐतिहासिक मारकाना स्टेडियम में रखा गया. मेडल टैली पर नजर डालें तो भारत एक कांस्य और एक रजत पदक के साथ 67वें स्थान पर रहा, वहीं सबसे अधि‍क 121 मेडल के साथ अमेरिका ने शीर्ष पर कब्जा जमाया. समापन कार्यक्रम की शुरुआत सुंदर रंग-बिरंगी रोशनी के बीच हुई. ओलंपिक रिंग्स और क्राइस्ट द रिडीमर का आकार बनाकर स्टेडियम में खूबसूरत नजारे ने खेल प्रेमियों को लुभाया.

रियो ओलिंपिक में रविवार को रेसलर योगेश्वर दत्त के पहले ही राउंड में हारने के साथ ही भारत की गोल्ड मेडल जीतने की आखिरी उम्मीद खत्म हो गयी. योगेश्वर 65 किलो फ्रीस्टाइल इवेंट के क्वालिफिकेशन बाउट में मंगोलिया के पहलवान को चुनौती पेश नहीं कर सके और 3-0 अंक से हार गये. भारत से इस बार 118 खिलाड़ी रियो गये थे, जिन्होंने 15 गेम्स में हिस्सा लिया. लेकिन, सिर्फ दो खिलाड़ी ही देश के लिए मेडल हासिल कर सकीं. शटलर पीवी सिंधु ने सिल्वर और रेसलर साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीता. यह लंदन ओलिंपिक (2012) से भी खराब प्रदर्शन है. तब 83 खिलाड़ी गये थे और छह मेडल जीते थे. अगला ओलिंपिक 2020 में टोक्यो में होगा.

बड़े नाम फ्लॉप

ट्रैप शूटिंगः मानवजीत सिंह संधू

टेनिसः लिएंडर पेस और

सानिया मिर्जा

रोइंगः बबन दत्तू

बैडमिंटन : साइना नेहवाल, अश्विन पोनप्पा, ज्वाला गुट्टा

रेसलिंग : नरसिंह यादव (बैन लगने के कारण बाहर)

आर्चरी : दीपिका कुमारी

मेंस शूटिंगः अभिनव बिंद्रा, जीतू राय, गगन नारंग

वीमेंस शूटिंगः हीना सिद्धू

रियो ओलिंपिक में भारत
पहली बार : 118 सदस्यीय दल ने ओलिंपिक में हिस्सा लिया भारत की ओर, जो ओलिंपिक इतिहास में सबसे बड़ा दल था.

दूसरी बार : 116 वर्ष के ओलिंपिक इतिहास में दूसरी बार भारत की लाज महिलाओं ने रखी. सबसे पहले महिला खिलाड़ी के तौर पर वर्ष 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने वेटलिफ्टिंग में कांस्य पदक जीता था. कोई पुरुष खिलाड़ी मेडल नहीं जीत सका था.

तीसरी बार : भारत तीसरी बार दो मेडल जीतने में सफल रहा. इसके पहले 1900 और 1952 ओलिंपिक गेम में भारत ने दो मेडल जीते थे.

चौथी बार : साक्षी भारत की चौथी पहलवान बनी, जिन्होंने कुश्ती से देश के लिए मेडल जीता.

पांचवीं बार : सिंधु और साक्षी की सफलता के बाद पाचवीं बार महिला खिलाड़ी भारत को ओलिंपिक मेडल दिला चुकी हैं.

झारखंड को भी निराशा
रियो ओलिंपिक में झारखंड से तीन खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. तीरंदाजी में दीपिका कुमारी से काफी उम्मीद थी. पर उनका प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा. तीरंदाजी में ही लक्ष्मी रानी माझी का भी प्रदर्शन निराशाजनक रहा. झारखंड की ओर से निक्की प्रधान महिला हॉकी टीम में शामिल थी, पर भारतीय महिला हॉकी दल पहले दौर में ही मुकाबले से बाहर हो गया.

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