बिहार के गोपालगंज ज़िले में कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में गुरुवार को नगर थाना के प्रभारी समेत सभी 25 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
जिला प्रशासन ने 14 लोगों के ख़िलाफ़ अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त रहने के आरोप में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की है.
कथित तौर पर शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है.
गोपालगंज के एसपी रविरंजन ने इस मामले में गुरुवार देर शाम नगर थाने के प्रभारी बीपी आलोक समेत 14 दरोग़ा और जमादारों की ज़िम्मेदारी तय करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया. थाने में तैनात मुंशी और ड्राइवरों के ख़िलाफ़ भी निलंबन की कार्रवाई की गई है.
गोपालगंज के ज़िलाधिकारी राहुल कुमार ने एसपी की ओर से नये उत्पाद क़ानून के तहत की गई कार्रवाई को सही ठहराया है.
थाने में नये अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है.
इससे पहले गुरूवार की सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान पीड़ित परिवारों को सांत्वना देते हुए चार- चार लाख रुपये मुआवज़े की घोषणा की थी.
उन्होनें कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट शराब से मौत की पुष्टि नहीं करती है फिर भी ज़हरीली शराब से मौत की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने पूरे सूबे में शराबबंदी लागू की हुई है.
लेकिन इसके बाद कई जगहों पर ज़हरीली शराब बनाये जाने और उसके सेवन से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की ख़बरें सामने आई हैं.
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