गुजरात के उना में हुई दलित महापंचायत से लौटते लोगों को पीटने के आरोप में 27 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
पांच अगस्त अहमदाबाद में दलित अस्मिता यात्रा शुरू हुई जो उना में 15 अगस्त को ख़त्म हुई.
ये दलित महापंचायत उसी का हिस्सा थी. सोमवार को हुई इस महापंचायत में दस हज़ार से ज़्यादा दलितों ने हिस्सा लिया.
शिकायत के मुताबिक़ रैली से लौट रहे लोगों को उना के पास समतर गांव में भीड़ ने रोका और पिटाई की.
इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में दिनेश परमार नाम के एक युवक ने कहा, "उना में हुई महापंचायत से हम आठ लोग लौट रहे थे. तब समतर में हमारी गाड़ी को गांव वालों ने रोका और कार के शीशे तोड़ दिए. फिर उन लोगों ने हमें हॉकी स्टिक से पीटना शुरू कर दिया. हम लोग किसी तरह से बचकर स्थानीय अस्पताल पहुंचे."
इन आठ लोगों को बाद में अहमदाबाद के सिविल अस्पताल रेफ़र कर दिया गया.
उना में जिन चार दलितों की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था उस सिलसिले में गिरफ़्तार 35 लोगों में समतर गांव के 12 लोग शामिल हैं.
पीड़ितों के मुताबिक उसी बात का बदला लेने के लिए उनकी पिटाई की गई.
इस पूरी घटना में 27 लोगों को गिरफ़्तार करने के अलावा पुलिस ने भीड़ पर हत्या के प्रयास और दंगे फैलाने का मामला भी दर्ज किया है.
मंगलवार को कांग्रेस नेता शंकरसिंह वाघेला ने आरोप लगाया कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी सरकार क़ानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है.
वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया.
राज्य में मंगलवार को हिंसा की कोई नई घटना नहीं हुई. लेकिन उना और आसपास के इलाकों में पुलिस की गश्त जारी है.
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