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#Rio2016 : निशानेबाजों ने फिर किया निराश, मैराज और गुरप्रीत नहीं कर पाए क्वालीफाई

रियो डि जिनेरियो : भारतीय निशानेबाजों का रियो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन जारी है, गुरप्रीत सिंह और मैराज अहमद खान आज यहां अपनी अपनी स्पर्धाओं के फाइनल के लिये क्वालीफाई करने में असफल रहे. गुरप्रीत पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल के क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहे और फाइनल के लिये क्वालीफाई […]

रियो डि जिनेरियो : भारतीय निशानेबाजों का रियो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन जारी है, गुरप्रीत सिंह और मैराज अहमद खान आज यहां अपनी अपनी स्पर्धाओं के फाइनल के लिये क्वालीफाई करने में असफल रहे. गुरप्रीत पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल के क्वालीफिकेशन राउंड में सातवें स्थान पर रहे और फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके. वहीं मैराज पुरुष वर्ग की स्कीट स्पर्धा के शूट आफ में हारकर नौंवें स्थान पर रहे. नियमों के मुताबिक शीर्ष छह निशानेबाज ही दोनों स्पर्धाओं के फाइनल्स के लिये क्वालीफाई करते हैं. मैराज चार अन्य निशानेबाजों के साथ संयुक्त रूप से पांचवें स्थान पर थे, जिससे सेमीफाइनल के अंतिम दो स्थान सुनिश्चित करने के लिये शूट आफ खेला गया जिसमें यह भारतीय खिसककर प्लस तीन के स्कोर से नौंवें स्थान पर खिसक गये.

मैराज बीती रात 10वें स्थान पर था. गुरप्रीत पहले क्वालीफाइंग चरण में 289 अंक से 10वें स्थान पर थे. उन्होंने आज 292 अंक से कुल 581 अंक जुटाये. वह काफी करीब से फाइनल्स से चूक गये. कल 90 का खराब राउंड उस पर भारी पड गया. मैराज ने अप्रैल में इसी जगह विश्व कप का रजत पदक जीतकर स्कीट में ऐतिहासिक कोटा हासिल किया था, वह क्वालीफाइंग में काफी करीब पहुंच गये थे और 121 अंक के साथ संयुक्त रूप से पांच निशानेबाजों के साथ बने हुए थे.

मैराज और एंथोनी टेरास तीन शाट के बाद लक्ष्य चूकने से सबसे पहले बाहर हो गये. एथेंस 2004 के बाद से एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीतने के बाद भारत पर अब खाली हाथ लौटने का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि अब केवल गगन नारंग और चैन सिंह की कल 50 मीटर राइफल थ्री पाजीशन की स्पर्धा बची है. चालीस वर्षीय मैराज खुश थे कि वह स्कीट रेंज में प्रभावित करने में सफल रहे. उन्हें 1996 अटलांटा स्वर्ण पदक विजेता एनियो फालको ने कोचिंग दी है.

उन्होंने कहा, ‘भारत में स्कीट को ज्यादा लोग नहीं जानते. यहां तक कि हम विश्व चैम्पियन के करीब भी नहीं हैं. हमने इस स्पर्धा के मानचित्र में भारत को शामिल करने का फैसला किया. मुझे स्कीट काफी चुनौतीपूर्ण लगती है.’ ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद मैराज इटली चले गये थे और ईद के दौरान ही उन्होंने ब्रेक लिया था, जब वह उत्तर प्रदेश में खुर्जा में दो दिन के लिये घर गये थे. शूट आफ के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं 121 पर था, लेकिन शूट आफ ड्रा की तरह होता है.’ मैराज ने तोक्यो 2020 के बारे में बात करते हुए कहा,‘शायद अगली बार, मैं अच्छा प्रदर्शन करुंगा. उम्र तो महज एक संख्या है. इस खेल में परिपक्वता 40 साल के बाद ही आती है. मैं अब मानसिक रूप से काफी मजबूत हूं और पूरी तरह फिट हूं.’

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