रियो डि जिनेरियो : अपने शानदार करियर में अंतिम बार शूटिंग रेंज पर उतरे अभिनव बिंद्रा ने रियो ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद किसी तरह की कोई भावना नहीं दिखाई और स्पष्ट किया कि निशानेबाजी में उनका सफर पूरा हो गया है और वह अपने जीवन में अगले पड़ाव पर जाने के लिए तैयार हैं.
मैच खत्म होने के बाद बिंद्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शांतचित्त रहना मेरा काम है. मैं आपके सामने टूटना नहीं चाहता. मुझे पता था कि ऐसा होने वाला है और मैं इसके साथ शांति के साथ हूं. मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन चौथे स्थान पर रहा। कोई पदक नहीं मिला, लेकिन उसके बहुत करीब पहुंचा.
दिन अच्छा था लेकिन फलदायक नहीं रहा.’ भारत के 33 वर्षीय निशानेबाज ने कहा कि शूटिंग रेंज में फिर से प्रवेश करने की कोई संभावना नहीं है. ओलंपिक में भारत को एकमात्र व्यक्तिगत स्वर्ण पदक दिलाने वाले दिग्गज निशानेबाज ने कहा, ‘‘मैंने अपना काम पूरा कर लिया है. मैंने संन्यास की घोषणा कर दी है इसलिए उस पर फिर से विचार नहीं होगा.मैं अब शूटिंग नहीं करुंगा। बस. मैं पहले ही युवाओं की मदद कर रहा हूं. मैं अपने फाउंडेशन के जरिये 30 युवा निशानेबाजों की मदद कर रहा हूं.’ चौथे स्थान के साथ निशानेबाजी खत्म करने से शायद यह तस्वीर उतनी साफ नहीं हो पायेगी कि किस तरह की तैयारियां की गयी थी लेकिन बीजिंग ओलंपिक के चैम्पियन निशानेबाज ने कहा कि इस बार भी प्रयास में कोई कमी नहीं थी.
इस निशानेबाज ने रियो खेलों में हिस्सा ले रहे अन्य भारतीय एथलीटों को प्रोत्साहित करने के विचार को यह कहते हुए खारिज कर दिया, ‘‘इस पडाव पर नहीं.उनका कोच बनना मेरा काम नहीं है. उनके पास उनके सहायक स्टाफ है.’ संन्यास के बाद अपनी शूटिंग रेंज के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैं उसे सब्जी के उद्यान में बदल दूंगा. आपको नहीं लगता कि मैं गंभीर व्यक्ति हूं. अगर कोई मुझे काम दे तो शायद अगली बार (तोक्यो 2020 में) मैं बतौर पत्रकार आऊंगा.