अमरीका में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी हासिल कर हिलेरी क्लिंटन ने इतिहास रचा है. अमरीका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने वाली वो पहली महिला हैं. लेकिन राष्ट्रपति बनने तक उनकी राह में कई बाधाएं हैं.
हाल में हुई वोटिंग बताती है कि हिलेरी क्लिंटन महिला और अल्पसंख्यक मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं.
ऐसा लगता है कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में उन्हें इससे थोड़ी बढ़त मिल सकती है. लेकिन किसी भी चुनाव में जीत की कोई गारंटी नहीं होती.
ऐसे कुछ कारण हैं जो बताते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए उनकी दावेदारी कमजोर पड़ सकती है. अगर ऐसा होता है तो इसकी तीन खास वजहें होंगीं-
1- ट्रंप से मुकाबलाः
उनके सामने बहुत ताक़तवर प्रतिद्वंद्वी डॉनल्ड ट्रंप हैं और उनका संदेश बिल्कुल साफ है- अमरीका को फिर से महान बनाना.
जबकि कई लोगों का मानना है कि हिलेरी क्लिंटन का संदेश स्पष्ट नहीं है.
वर्ष 2008 में हिलेरी क्लिंटन के वरिष्ठ सलाहकार रह चुके डॉव हैटवे कहते हैं, "लोग ये जानना चाहते हैं कि देश को आगे ले जाने के लिए आपके पास क्या विचार हैं."
हिलेरी क्लिंटन के समर्थक कहते हैं कि अनुभव और योग्यता उनकी खासियत है लेकिन बाकी लोगों का मुख्य सवाल जवाबदेही से जुड़ा है.
साल 2008 में हिलेरी क्लिंटन के चुनाव प्रचार अभियान के सहसंयोजक एंतोनियो वीरुगुशॉ का कहना है कि अब जनता का मीडिया पर बहुत भरोसा नहीं रह गया है. उनका झुकाव अन्य वर्चुअल संस्थाओं की ओर हो गया है.
2- हिलेरी क्लिंटन और विवादः
डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में लोगों ने हिलेरी क्लिंटन की जमकर सराहना की. लेकिन पूरे अमरीका में ऐसे बहुत से लोग हैं जो उन्हें पसंद नहीं करते, उनसे जुड़ाव महसूस नहीं करते.
जबकि कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें हिलेरी पर इसलिए भरोसा नहीं है क्योंकि उनके नाम के साथ बेनगाज़ी (लीबिया) और ईमेल विवाद जुड़ा हुआ है.
हिलेरी क्लिंटन की बेटी चेल्सी क्लिंटन की सास मार्जोरी मार्कोलीज़ कहती हैं, "जब वे चुनाव के लिए नहीं चुनी गई थीं तब वे अधिक लोकप्रिय थीं. लेकिन हाल की वोटिंग देखें तो उनकी लोकप्रियता में कमी आई है."
वो कहती हैं, "हां उन्हें एक स्मार्ट महिला माना जाता है. जब वो किसी मुद्दे पर बात करती हैं तो वो उसके बारे में जानती हैं."
3- इतिहासः
‘परांपरा’ भी हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में नहीं दिखाई देती. अमरीका के हाल के इतिहास में किसी एक पार्टी को लगातार तीसरी बार नहीं चुना गया है.
ऐसा अंतिम बार वर्ष 1988 में हुआ था. तब रिपब्लिकन को तीसरी बार जीत मिली थी और जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश राष्ट्रपति बने थे.
वर्ष 2008 में हिलेरी क्लिंटन के मुख्य रणनीतिकार रहे मार्क पेन का कहना है कि इस चुनाव में क़रीब 20 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो दोनों उम्मीदवारों को पसंद नहीं करते और ये लोग ही इस चुनाव का अंतिम फैसला करेंगे.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)