फ़तहुल्लाह गुलेन को तुर्की का दूसरा सबसे ताक़तवर शख़्स कहा जाता है.
इस्लामी धर्मगुरू फ़तहुल्लाह गुलेन के तुर्की में लाखों अनुयायी हैं. डेढ़ सौ से ज़्यादा देशों में उनके स्कूल हैं और उनका कारोबार अरबों डॉलर का है.
वे 90 के दशक से अमरीका के पेनसिलवीनिया में रह रहे हैं.
तुर्की में देश के ख़िलाफ़ काम करने के आरोप लगने के बाद वो अमरीका आ गए थे. हालांकि बाद में उन्हें आरोपमुक्त कर दिया गया था.
गुलेन मीडिया से परहेज़ करते रहे हैं लेकिन जनवरी 2014 में उन्होंने बीबीसी को दिए साक्षात्कार में तुर्की की सरकार के ख़िलाफ़ अपना प्रभाव इस्तेमाल करने के आरोप से इंकार किया था.
75 वर्षीय फ़तहुल्लाह कई बीमारियों से पीड़ित भी हैं और स्वास्थ्य से संघर्ष कर रहे हैं.
वे राष्ट्रपति एर्दोआन के पूर्व क़रीबी रहे हैं. अब एर्दोआन उन्होंने राजनीतिक प्रतिद्वंदी मानते हैं और उन्होंने उनके हिज़मत अभियान की पहुँच और प्रभाव कम करने की कोशिशें की हैं.
तुर्की की पुलिस, न्यायपालिका और यहां तक की जाँच एजेंसियों तक में गुलेन के प्रभाव वाले लोग हैं.
अर्दोआन हिज़मत अभियान से जुड़े लोगों को, "राष्ट्र के भीतर पृथक राष्ट्र" कहकर संबोधित कर चुके हैं.
बीबीसी ने जब गुलेन का साक्षात्कार किया था तो उन्होंने पत्रकारों को उनका घर भी दिखाया गया था.
वो एक बड़े परिसर में बने घर के एक छोटे कमरे में रहते हैं, जिसे देखकर संवाददाता हैरत में थे.
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