यूरोपीय देश ऑस्ट्रिया की सबसे बड़ी अदालत ने देश के हालिया राष्ट्रपति चुनाव को रद्द कर दिया है.
इस चुनाव में धुर दक्षिणपंथी पार्टी फ्रीडम पार्टी को बहुत कम अंतर से शिकस्त मिली थी.
फ्रीडम पार्टी ने ये कहते हुए चुनावी नतीजों को चुनौती दी थी कि डाक से मिले वोटों को ग़ैर कानूनी और अनुचित तरीके से छेड़छाड़ की गई.
चुनावों में फ्रीडम पार्टी के नॉबर्ट होफ़र ग्रीन पार्टी के एलेक्सेंडर फान डे बेलेन के हाथों 30,863 वोटों के अंतर हार गए थे.
अदालत के फ़ैसले के बाद अब दोबारा चुनाव होगा.
संवैधानिक अदालत के प्रमुख गेरहार्ड होलसिंगर ने कहा, "जिस फ़ैसले की आज मैं घोषणा कर रहा हूं, उससे न किसी की जीत हुई है और न किसी की हार. इसका मक़सद सिर्फ क़ानून और लोकतंत्र में भरोसे को मज़बूत करना है."
होफ़र ने शुक्रवार को कहा कि वो अदालत के फ़ैसले से ख़ुश हैं जिसने ‘मुश्किल फैसला’ लिया है. उन्होंने कहा, "मेरा क़ानून में अटूट विश्वास है."
वहीं फान डेर बेलेन ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि वही विजेता बन कर उभरेंगे.
अब राष्ट्रपति चुनाव अक्टूबर या सितंबर में हो सकता है.
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