छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.
इससे पहले जोगी ने बीती 6 जून को अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा की थी. इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना की थी.
इसके बाद कांग्रेस ने जोगी को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति और अनुसूचित जनजाति सेल के अध्यक्ष पद से हटा दिया था. हालांकि जोगी के ख़िलाफ़ न तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी और न ही पार्टी ने उन्हें कोई नोटिस ही जारी किया था.
कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद जोगी ने एक बार फिर कहा कि अब नेहरु-गांधी की विचारधारा वाली कांग्रेस नहीं बची है.
उन्होंने कहा, "अब मेरा जीवन केवल छत्तीसगढ़ के लिये है. राज्य की भाजपा सरकार को हटाना हमारा पहला लक्ष्य है. हमारी पार्टी छत्तीसगढ़ की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस बार छत्तीसगढ़ में हमारी ही सरकार बनेगी."
अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी छत्तीसगढ़ के कोटा से कांग्रेस पार्टी की विधायक हैं. उनके बेटे अमित जोगी भी कांग्रेस के टिकट पर मरवाही इलाके से विधायक चुने गये थे.
लेकिन कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ में साल 2014 में एक उपचुनाव के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार को मैदान छोड़ने के लिए करोड़ों रुपए के कथित ‘लेनदेन’ का टेप सार्वजनिक होने के मामले में इसी साल 6 जनवरी को अमित जोगी को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
इसके अलावा अजीत जोगी को भी छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को भेजा गया था.
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