अवसर हम सभी को मिलते हैं. कोई उन्हें पहचान कर उनका लाभ उठा पाता है और आगे बढ़ जाता है, तो कोई उन्हें यूं ही निकल जाने देता है. कई लोग समझ ही नहीं पाते कि किसी घटना विशेष में उनके आगे बढ़ने का एक बड़ा मौका छिपा हुआ है. ये अवसर किसी खास तैयारी या घोषणा के साथ नहीं आते हैं. ये कहीं भी, किसी भी मोड़ पर आपके सामने आकर खड़े हो सकते हैं और आपको उस समय इन्हें पकड़ लेना है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो बाद में आपके पास पछतावे के अलावा कुछ नहीं बचता है.
यहां दिये सवालों से जानें कि आप अवसर को पहचान पाते हैं या नहीं? पहला सवाल- प्रोजेक्ट में आपके सीनियर के न आने पर आपको प्रेजेंटेशन देने के लिए कहा जा रहा है, आप देंगे क्या? अगर आपका जवाब ‘हां, मैं दूंगा. मैं बेहतर दे सकता हूं.’, ‘हां, मेरी तैयारी है…’ आदि है, तो समझ लें कि आप अवसरों को पहचान लेते हैं. लेकिन यदि आपका जवाब कुछ इस तरह का है कि ‘मुझसे गलती हो गयी तो?’, ‘मैं नहीं देता, किसी और को कह देता हूं’, ‘मुझ में कॉन्फिडेंस नहीं है.’ तो समझ लें कि आप अवसरों को पहचान ही नहीं पाते. दूसरा सवाल- आपके सीनियर के नौकरी छोड़ कर जाने के बाद उनका पद खाली हो गया है और उनके हिस्से का काम लोगों में बांटा जा रहा है? आप क्या करेंगे?
अगर आपका जवाब ‘मुझे सैलरी कम मिलती है, मैं ज्यादा काम क्यों करूं?’ या ‘पहले मुझे वो पद दो, तभी मैं वो काम करूंगा’ है, तो यकीन मानिए कि आप कभी आगे नहीं बढ़ सकते. आपका एटिट्यूड ऐसा होना चाहिए कि आप ज्यादा-से-ज्यादा काम अपने पास रख लें, ताकि सीनियर आपको उस पद के योग्य समझें. इस तरह आप उस पद के लिए खुद को तैयार करते हैं. अपनी काबिलीयत साबित करते हैं.daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in