ईरान ने कहा है कि सउदी अरब से हज के दौरान ईरानी नागरिकों की व्यवस्था के संबंध में समझौते पर बातचीत विफल हो गई है.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार ईरानी नागरिकों के इस साल हज में न जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों में कड़वाहट साफ़ नज़र आती है.
एजेंसी का कहना है कि ईरान ने हाजियों के लिए इंतज़ाम के समझौते में नाकामी के लिए सऊदी अरब को पूरी तरह ज़िम्मेदार ठहराया है.
ईरानी अधिकारियों के अनुसार सऊदी अरब ने बातचीत में उदासीनता दिखाई और उसका रवैया अनुचित और नकारात्मक था.
दोनों देशों के बीच हज में व्यवस्था पर बातचीत बेहद तनावपूर्ण माहौल में शुरू हुई थी.
ईरान और सऊदी अरब क्षेत्र में प्रतिद्वंद्वी हैं और दोनों के बीच सीरिया और यमन के संकट के पहले से ही संबंध तनावपूर्ण थे.
ये कड़वाहट उस समय बढ़ गई जब पिछले साल हज के मौक़े पर भगदड़ मचने से सैकड़ों तीर्थयात्री मारे गए और इनमें ज़्यादातर ईरानी नागरिक थे.
इस घटना पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला ख़ामेनई ने सऊदी सरकार से मांग की थी कि वह घटना की ज़िम्मेदारी स्वीकार करे और माफ़ी मांगें.
उनका कहना था, ”इधर उधर आरोप लगाने के बजाय सऊदी अरब को ज़िम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और मुसलमानों और पीड़ित परिवारों से माफ़ी मांगनी चाहिए.”
इस घटना के कुछ ही दिनों बाद सऊदी अरब में शिया धर्मगुरु निम्र अल-निम्र को फांसी दे दी गई.
जिसके बाद ईरान में सऊदी अरब के दूतावास पर प्रदर्शनकारियों ने धावा बोल दिया और इसके जवाब में सऊदी अरब ने ईरान से अपने राजनयिक संबंध तोड़ दिए थे.
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