17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘मैं उसे ठीक से पालती तो वह चरमपंथी न बनता’

माइसा वेली एशियन नेटवर्क, लंदन सीरिया में आईएसआईएस के लिए लड़ने गए युवकों और युवतियों की माँओं की ज़िंदगी बहुत मुश्किल है. उनका दुख अक्सर चरमपंथ की कहानियों की हेडलाइन्स में खो जाता है. ब्रसेल्स के मोलेनबीक से लेकर अन्य जगहों तक इस दर्द को पहुंचाने और आवाज़ देने की कोशिश एक नाटक, ‘अनदर वर्ल्ड- […]

Undefined
'मैं उसे ठीक से पालती तो वह चरमपंथी न बनता' 5

सीरिया में आईएसआईएस के लिए लड़ने गए युवकों और युवतियों की माँओं की ज़िंदगी बहुत मुश्किल है. उनका दुख अक्सर चरमपंथ की कहानियों की हेडलाइन्स में खो जाता है.

ब्रसेल्स के मोलेनबीक से लेकर अन्य जगहों तक इस दर्द को पहुंचाने और आवाज़ देने की कोशिश एक नाटक, ‘अनदर वर्ल्ड- लूज़िंग अवर चिल्ड्रन टू इस्लामिक स्टेट’, के ज़रिए की जा रही है.

यह नाटक पूरी तरह सीरिया जाने के लिए घर छोड़ने वाले बच्चों की माँओं के बयानों पर आधारित है और इसके किरदार वही लाइनें बोलतें हैं जो उन माँओं ने कही हैं.

इसे पिछले साल अक्तूबर में ऐसी 45 माँओं के साथ बातचीत के बाद तैयार किया गया था. इसकी रिहर्सल के दौरान पता चला कि इसमें शामिल महिलाओं में से एक वास्तव में एक युवक की मां थी जिसने ख़ुद को पेरिस हमले में विस्फोट से उड़ा लिया था.

Undefined
'मैं उसे ठीक से पालती तो वह चरमपंथी न बनता' 6

"जैसे ही मैंने सीरिया सुना मुझे लगा कि आसमान मेरे ऊपर गिर पड़ा है. मैंने मां के रूप में अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभाई थी. मैं उसे चूम नहीं पाई, यह नहीं बता पाई कि मैं उसे प्यार करती थी और वह मेरे लिए सब कुछ था."

ये ब्रसेल्स के मोलेनबीक की रहने वाली एक असली मां के शब्द थे जिनका बेटा ख़ुद को इस्लामिक स्टेट बताने वाले समूह में शामिल हो गया था.

लेकिन सीरिया में सक्रिय इस चरमपंथी समूह में ऐसा क्या है जो युवाओं को पसंद आता है? क्या वजह है कि वह अपने परिवारों को छोड़कर एक ख़तरनाक क्षेत्र में चले जाते हैं?

नाटक की लेखिका गिलियन स्लोवो कहती हैं, "इसका कोई एक जवाब नहीं है. रंगभेद, इस्लामोफ़ोबिया, अन्य बच्चों से अलग रह जाने की भावना- कि वह इनमें से नहीं हैं."

गिलियन ने 45 लोगों का इस नाटक के लिए इंटरव्यू किया. इनमें मोलेनबीक की माँओं, जिनके बेटे या बेटियां सीरिया भाग गए थे, से लेकर टावर हैमलेट कॉलेज में पूर्व मुसलमान छात्रों और ग्वांतानामो में क़ैदी रहे मोएज्ज़म बेग भी शामिल थे. स्टेज पर आप जो भी शब्द सुनते हैं वह किसी असली व्यक्ति के मुंह से निकले हुए हैं. इस प्रक्रिया में कई महीने लगे हैं.

Undefined
'मैं उसे ठीक से पालती तो वह चरमपंथी न बनता' 7

"हमारे पास ऐसे शोधकर्ता थे जिन्होंने हमें ऐसे लोगों को संपर्क करने में मदद की जिनके पास उनके अनुसार इस मुद्दे पर सबसे ज़्यादा जानकारी थी. मैंने लोगों का एक से दो घंटे तक इंटरव्यू लिया."

मोलेनबीक की माँओं के साथ इंटरव्यू पिछले साल अक्तूबर में किया गया था- पेरिस और ब्रसेल्स हमलों के पहले. लेकिन रिहर्सल प्रक्रिया के दौरान जब एक्टर वापस ब्रसेल्स गईं ताकि उनसे मिल लें तो पाया कि नवंबर में 130 लोगों की मौत के ज़िम्मेदार पेरिस हमले के तार वहां तक पहुंचे हुए थे.

स्लोवो कहती हैं, "एक मां वहां नहीं थी. और हमें पता चला कि उनका बेटा उन लोगों में शामिल था जिन्होंने पेरिस में हमला किया था और ख़ुद को स्टेड दि फ़्रांस से 500 मीटर दूर एक आत्मघाती बेल्ट से उड़ा लिया था."

"इससे नाटक का महत्व और बढ़ गया क्योंकि उन्हीं को सबसे ज़्यादा अपराध बोध था- वह कह रही थीं कि अगर मैं सही होती तो वह नहीं गया होता."

अनुमानतः 800 लोग सिर्फ़ ब्रिटेन से ही सीरिया गए हैं. इनमें लंदन के बेथनाल ग्रीन से तीन स्कूली छात्राएं, लुटोन से 12 लोगों का परिवार और ब्रैडफ़ोर्ड से दो परिवार भी हैं जिनमें दाऊद बहनें भी शामिल हैं जिनके पतियों ने उनकी वापसी के लिए भावुक अपील की थी.

Undefined
'मैं उसे ठीक से पालती तो वह चरमपंथी न बनता' 8

लेकिन ब्रितानी परिवारों को इस नाटक में शामिल नहीं किया गया है. गिलियन कहती हैं कि ऐसा इसलिए है कि यहां मुसलमानों को लगता है कि उनकी बातों को संदर्भ से हटाकर देखा जाएगा और उनके ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जाएगा.

गिलियन को उम्मीद है कि इस नाटक से न सिर्फ़ लोगों को शिक्षा मिलेगी बल्कि वह उनका मुसलमानों के बारे में सोचने का नज़रिया भी बदल देगा.

यह नाटक लंदन के नेशनल थिएटर में 7 मई तक चलेगा.

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें