मुंबई में साल 2002-2003 के बीच बम धमाकों की योजना बनाने के दोषी पाए गए तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई है.
वकीलों ने विस्फोटक लगाने के अभियुक्त मुज़म्मिल अंसारी को मौत की सज़ा सुनाने की मांग की थी.
मुंबई की एक विशेष आतंकवाद निरोधी अदालत ने इस मामले में 13 अभियुक्तों में से नौ को उनकी भूमिका के लिए दोषी पाया.
बम ब्लास्ट में 12 लोग मारे गए थे और 27 लोग गंभीर रूप से ज़ख्मी हो गए थे.
अंसारी के अलावा दो अन्य लोगों को धमाकों का दोषी पाया गया और उन्हें भी आजीवन कारावास की सज़ा दी गई है.
बाक़ी लोगों को दस-दस साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है लेकिन वो दो साल में रिहा कर दिए जाएंगे क्योंकि वो पहले ही जेल में आठ साल बिता चुके हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)