दक्षिणी चीन के ग्वांगज़ू इलाक़े के तीन रेस्त्रां को रोबोट वेटर्स को ‘नौकरी पर रखना’ जी का जंजाल साबित हुआ है.
वर्कर्स डेली अख़बार के मुताबिक़ इन तीन में से दो बंद हो चुके हैं जबकि तीसरे ने एक को छोड़कर सभी रोबोट्स हटा दिए हैं और इंसानों को काम पर लगा लिया है.
हालांकि रोबोट वेटर ग्राहकों को रेस्त्रां की ओर आकर्षित करने की अच्छी पहल थी. मगर स्टाफ़ का कहना था कि खाना परोसने और ड्रिंक्स देने के मामले में उनकी प्रोग्रामिंग उतनी अच्छी नहीं थी.
रेस्त्रां सुपरवाइज़र लियांग के मुताबिक़, "केटरिंग स्टाफ़ की गतिशीलता बहुत अच्छी थी. हमने शुरू में छह को काम पर रखा, पर एक साल बाद हमारे पास सिर्फ़ एक ही बचा है."
इन्हीं रेस्त्राओं के एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि इन रोबोट्स के पास हाड़मांस के उनके साथियों के मुक़ाबले समान क्षमताएं नहीं थीं.
वर्कर्स डेली को एक स्टाफ़ ने बताया, "वो सीमित सेवाएं दे पाते थे. वो ग्राहकों को गिलास में पानी नहीं दे पाते थे और न ही ग्राहकों से उनका ऑर्डर ले पाते थे."
एक एक्सपर्ट ने बताया कि रोबोटिक्स की मौजूदा स्थिति और आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस के मामले में हम कह सकते हैं कि अभी तकनीक इतनी उन्नत नहीं हो पाई है कि रोबोट वेटर्स अपना काम अच्छी तरह कर सकें.
शंघाई की एक वेबसाइट ने गुआंगडुंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी के एक विशेषज्ञ जांग युन के हवाले से कहा है कि रोबोट मेन्यूफ़ेक्चरिंग के क्षेत्र में बार-बार एक जैसा काम करने में अच्छे हैं पर वो लोगों से डील करते हुए ख़ुद काम करने में सक्षम नहीं हैं.
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