कोलकाता में एक निर्माणाधीन फ़्लाईओवर के गिरने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है और 78 घायल बताए जा रहे हैं.
स्थानीय पत्रकार कल्पना प्रधान का कहना है कि राहत और बचाव टीमों ने शुक्रवार सुबह एक शव को निकाला है.
एनडीआरएफ़ और सेना की टीमें मलबे से लोगों को निकालने में लगी हुई हैं और पुलिस का कहना है कि राहत और बचाव का काम शुक्रवार दिन भर चल सकता है.
अब भी एक लॉरी पुल के मलबे के नीचे फंसी है जिसमें कई लोगों के फंसे होने की आशंका है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक फ़्लाईओवर के निर्माण में लगी हैदराबाद की कंपनी आईवीआरसीएल के पांडुरंग राव ने कहा, "ये और कुछ नहीं भगवान का किया है."
ये निर्माणाधीन फ़्लाई ओवर उत्तरी कोलकाता में गणेश टॉकिज़ के पास स्थित था.
आसपास के आम लोग मदद और बचाव के कामों में लगे हुए हैं और मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है, उन्होंने कहा है कि उनकी संवेदनाएं हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के साथ हैं.
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि उन्होंने एनडीआरएफ़ के डीजी से बात कर राहत कार्य का जायज़ा लिया है.
ट्विटर पर राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि उन्होंने प्रधानमंत्री से फ़ोन पर बात की और राहत कार्य के बारे में बताया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपना चुनावी दौरा टालकर घटनास्थल पर पहुंची.
ममता बनर्जी ने कहा है कि हादसे के लिए ज़िम्मेदार लोगों को बख़्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल प्रशासन की प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाना है.
ममता बनर्जी ने हादसे के लिए राज्य की पूर्व वामपंथी सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वामपंथी सरकार ने 2009 में ये टेंडर पास किया था.
इसके अलावा सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. ये हेल्पलाइन नंबर हैं- 1070, 033-2214-3526, 033-2253-5185, 033-2214-5664.
पश्चिम बंगाल सरकार ने हादसे में मरने वाले लोगों के परिवारों के लिए पांच लाख, घायलों के लिए तीन लाख और हल्की चोट वाले लोगों को एक लाख रुपए के मुआवज़े की घोषणा की है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेस बुक और ट्विट र पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)