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‘संगीत को धर्म और देश के दायरे में न बांधे’

पूजा मेहरोत्रा बीबीसी हिंदी के लिए सरोद वादक अमान और अयान अली ख़ान का मानना है कि पहले शास्त्रीय संगीतकारों को उस्ताद-पंडित जैसी उपाधियों से नवाज़ा जाता था, मान सम्मान दिया जाता था, लेकिन अब इन उपाधियों का उपयोग गालियों की तरह होने लगा है. दोनों मशहूर सितार वादक उस्ताद अमजद अली ख़ान के सुपुत्र […]

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सरोद वादक अमान और अयान अली ख़ान का मानना है कि पहले शास्त्रीय संगीतकारों को उस्ताद-पंडित जैसी उपाधियों से नवाज़ा जाता था, मान सम्मान दिया जाता था, लेकिन अब इन उपाधियों का उपयोग गालियों की तरह होने लगा है.

दोनों मशहूर सितार वादक उस्ताद अमजद अली ख़ान के सुपुत्र हैं.

उनका कहना है, “जिन उस्तादों और पंडितों को ये उपाधियां दी गई हैं वे भी इसका उपयोग नहीं करते हैं. उनका नाम ठीक से ले लिया जाए यही उनके लिए सम्मान है.”

छह साल की उम्र से ही स्टेज पर परफॉर्म कर रहे अमान-अयान ने माना कि सरकार भी कई तरह के दवाब में होती है.

पद्म सम्मान पर हुए विवाद पर वे आगे कहते हैं, “पहले ये सम्मान वो दिया करते थे जिन्हे कला, साहित्य और संगीत की क़द्र थी,लेकिन अब सम्मान के साथ मैनिपुलेशन किया जा रहा है.”

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कला और कलाकारों को लेकर होने वाले विवादों पर वे कहते हैं, “यह जो कुछ भी हमारे देश में हो रहा है बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. संगीत और संगीत से जुड़े लोगों का विरोध हमारे देश की संस्कृति नहीं है. संगीत को मज़हब, देश और धर्म से दूर ही रखा जाना चाहिए.”

वे कहते हैं, “100 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले देश में कुछ दो हज़ार लोग अगर किसी मज़हब के प्रति जहर घोलते हैं तो उसपर ध्यान नहीं देना चाहिए.”

क्या शास्त्रीय संगीत अपनी पहचान खो रहा है? दोनों भाई एकसाथ कहते हैं, “नहीं.”

वे आगे कहते हैं, “कोई भी शास्त्रीय संगीत से जुड़ा कलाकार खाली नहीं है. कलाकार हर दिन किसी न किसी शहर में कंसर्ट करने में व्यस्त है. शास्त्रीय संगीत युवाओं में खूब लोकप्रिय है. बच्चे क्लासिकल सीख रहे हैं. यूट्यूब जैसी तकनीक ने संगीत, कलाकारों और प्रशंसकों को और क़रीब कर दिया है.”

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फ़िल्मों में संगीत की बात पर दोनों भाइयों का मानना कुछ यूँ है, "फिल्म इंडस्ट्री कुछ गिने चुने मैथड पर काम करती है. यहां सबकुछ हिट एंड फ्लॉप पर निर्भर करता है. फि़ल्म इंडस्ट्री और इसकी ऑडिएंस किसी की सगी नहीं है.”

हालांकि अमान और अयान कहते हैं कि दोनों को ही बॉलीवुड संगीत बहुत पसंद है पर कुछ बातों को लेकर नज़रिया अलग है.

वे कहते हैं, "यहां एक फिल्म की सफलता- असफलता पर सबकुछ निर्भर करता हैं, जबकि शास्त्रीय संगीत के श्रोता ख़राब परफॉरमेंस के बाद हमें छोड़ते नहीं है. कमीटेड ऑडिएंस होती है हमारी.”

अमान और अयान इन दिनों देश भर में अपने नए एल्बम के लिए शो कर रहे हैं. इस एलबम की खासियत यह है कि इसमें वायलिन और सरोद का संगम है.

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