पश्चिम बंगाल के 22 वर्षीय मोफिजुल रहीमा शेख़ की केरल पहुंचते ही क़िस्मत खुल गई.
काम की तलाश में वो केरल के कोझीकोड़ शहर पहुंचे ही थे कि अगले ही दिन उनकी एक करोड़ रुपए की लॉटरी लग गई जिसके बाद अब वो अपने घर वापस लौट रहे हैं.
शेख़ बुधवार को कोझीकोड़ पहुंचे. अगले दिन मज़दूरी करके उन्हें जो 50 रुपए मिले उससे उन्होंने लॉटरी का टिकट ख़रीदा. और इसी टिकट ने उनकी क़िस्मत खोल दी.
जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके नाम की लॉटरी लगी है, वो तुरंत पुलिस थाने गए और ख़ुद के लिए सुरक्षा मांगी. उन्हें डर था कि कहीं कोई उनकी जीती हुई रक़म चुरा न ले.
एक पुलिस अधिकारी यूके शहांजहां ने बीबीसी को बताया, "उसने बताया कि टिकट बेचने वाले एक विकलांग व्यक्ति पर उसे दया आई और उसने उससे टिकट ख़रीद लिया."
तीन दिन बाद शेख़ को पता चला कि उनके नाम की लॉटरी लगी है.
उसके बाद उन्होंने दो दिन पुलिस थाने में बिताए, अपने क़ीमती टिकट को संभाल कर रखा और शिवरात्रि की छुट्टी के बाद बैंकों के खुलने का इंतज़ार किया.
एक अन्य पुलिस अधिकारी एवी जॉन ने बताया, "वो रविवार को यह कहते हुए यहां आया कि उसकी जान को ख़तरा है."
"वो बोरिया बिस्तर के साथ आया. उसे संभालना बहुत मुश्किल था क्योंकि वो बहुत दबाव और उत्साह में था. मंगलवार तक वो सामान्य हो गया."
शेख़ शादीशुदा हैं और उनकी आठ महीने की एक बेटी है. वो लॉटरी जीतने के बाद भी काम करते रहना चाहते हैं और ये पैसा अपना घर ख़रीदने के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं.
ख़बरें हैं कि पश्चिम बंगाल के बर्धमान जिले में उनके घर आने पर एक बड़ी सी दावत का आयोजन किया जा रहा है.
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