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‘आम’ सुझाव बजट में बन गये ‘खास’

क्या आप जानते हैं कि इस साल के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गये दालों के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने के प्रस्ताव का सुझाव एक आम आदमी ने दिया था? सिर्फ यही नहीं, इस बार के बजट में दस ऐसे प्रस्ताव पेश किये गये, जो आम लोगों की सलाह […]

क्या आप जानते हैं कि इस साल के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किये गये दालों के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने के प्रस्ताव का सुझाव एक आम आदमी ने दिया था? सिर्फ यही नहीं, इस बार के बजट में दस ऐसे प्रस्ताव पेश किये गये, जो आम लोगों की सलाह पर आधारित थे़ पिछले साल की ही तरह वित्त मंत्रालय ने इस बार भी बजट के लिए mygov.in पोर्टल पर आम लोगों से सुझाव आमंत्रित किये थे़
इस बार के आम बजट की सबसे खास बात यह रही कि इसमें आम लोगों की सलाह असरदार रूप से नजर आयी़ दरअसल, वित्त मंत्रालय ने 2015-16 का बजट बनाने की प्रक्रिया में लोगों से सुझाव मांगा था़
लोगों ने भी इसमें रुचि दिखायी और वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पिछले हफ्ते संसद में पेश किये गये आम बजट में आम लोगों के सुझावों पर भी अमल किया गया़ वित्त मंत्रालय ने लोगों के 10 ठोस सुझावों को बजट प्रस्तावों में जगह दी है़ वित्त मंत्रालय ने आम बजट बनाने की प्रक्रिया में और ज्यादा पारदर्शिता लाने और आम जनता को इस प्रक्रिया में भागीदार बनाने के लिए आम बजट पर जनता से सुझाव आमंत्रित करने का फैसला लिया था़ इसके लिए लोगों से ट्विटर, ई-मेल और भारत सरकार के पोर्टल पर बजट के सुझाव मांगे गये थे़ इनमें सबसे ज्यादा सुझाव mygov.in पोर्टल पर आये़
इसके अलावा, वित्त मंत्रालय ने ट्विटर पर 2016-17 के बजट में सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए धन आवंटन को प्राथमिकता देने पर आम जनता से राय मांगते हुए मतदान विकल्पों का सेट पेश किया था़
इसमें लोगों के पास सामाजिक योजना को तरजीह देने का विकल्प मिला कि ‘स्वच्छ भारत’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ में से किसे इस बजट में अधिक धन आवंटित किया जाये़
गौरतलब है कि बजट को अंतिम रूप देने से पहले ट्रेड यूनियनों, अर्थशास्त्रियों, उद्योग प्रतिनिधियों और सामाजिक क्षेत्र के कार्यकर्ताओं समेत विभिन्न संबद्ध पक्षों के साथ परिचर्चा करने की सरकारों की परंपरा रही है,
लेकिन मोदी सरकार ने डिजिटल माध्यमों के जरिये बजट प्रक्रिया में आम लोगों को शामिल करने की नयी पहल की है़ बहरहाल, विभिन्न डिजिटल मंचों पर सरकार को आम लोगों के बजट से जुड़े पचास हजार से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए़ इनमें आयकर छूट की सीमा 5 लाख तक करने, देश को कैशलेस इकोनॉमी बनाने, सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं को भारत में बने सामानों को प्रयोग करने, फसल बीमा का प्रीमियम घटाये जाने और बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर डीजल गाड़ियों की कीमतें बढ़ाने सहित कई मुद्दों के बारे में सुझाव शामिल हैं.
उदाहरण के लिए हजारीबाग के मनीष शंकरम ने सुझाव दिया कि स्मार्ट शहरों की ही तरह विकासशील ग्राम समूहों के लिए सौर ऊर्जा के जरिये बिजली और सिंचाई की व्यवस्था के लिए सरकार की ओर से एक निश्चित राशि की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसमें सरपंच की सीधी भूमिका तय हो़ इस सुझाव पर अमल करते हुए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुरबन मिशन के तहत 300 कस्बाई समूहों के विकास का प्रस्ताव बजट में पेश किया गया़ इसके तहत किसानों को जरूरी आधारभूत संरचना और उनके उत्पादन की बाजार तक पहुंच सुनिश्चत कराने की योजना है़
दलगोबिंद पंडा के सुझाव पर जैविक कृषि का दायरा बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया, तो बेंगलुरु के मुकेश भाईजी के सुझाव पर देश के चुनिंदा जिलों में किसानों को ऊर्वरकों की खरीद पर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) किये जाने का प्रस्ताव वित्त मंत्री ने पेश किया़ इसी तरह, हिमायतनगर के विजय नारायण चिलका के सुझाव पर वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के नाम से एक योजना को पुनर्गठित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसके तहत पंचायती राज संस्थानों को अपने क्षेत्र में सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में सरकार मदद करेगी़ इस मद में बजट में 655 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है़
पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कल्याण योजना, विशेष कृषि उपकर शुरू करने, सिंचाई के लिए अलग से कोष बनाने, व्यापक पैमाने पर ओपेन ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने और दालों के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने के प्रस्ताव, वित्त मंत्रालय ने लोगों के सुझाव पर ही पेश किया़
गौरतलब है कि mygov.in भारत सरकार का पोर्टल है, जो नागरिकों को देश में विभिन्न मुद्दों पर सुशासन लाने की पहल से जुड़ने के लिए एक मंच प्रदान करता है़

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