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गांवों पर फोकस का इंडस्ट्री में दिखेगा असर
मनोज पांडा डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ आम बजट में कृषि पर खास फोकस किया गया है. इससे गांवों में भी खरीद की क्षमता बढ़ेगी. कृषि पर फोकस को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. यही कारण है कि इस बजट से उद्योग जगत को भी थोड़ी राहत मिलेगी. […]
मनोज पांडा
डायरेक्टर,
इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ
आम बजट में कृषि पर खास फोकस किया गया है. इससे गांवों में भी खरीद की क्षमता बढ़ेगी. कृषि पर फोकस को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. यही कारण है कि इस बजट से उद्योग जगत को भी थोड़ी राहत मिलेगी. बीते वर्षों में जिस तरह से कृषि की उपेक्षा हो रही थी, उससे गावों की खरीद क्षमता बहुत ही कम हो गयी थी. अब इस बजट से कृषि और ग्रामीण विकास को एक नयी दिशा मिलेगी. गांव और खासकर पंचायतों के लिए जो घोषणाएं की गयी हैं, यदि उन पर अमल होता है, तो निश्चित रूप से इसका लाभ गांव और किसान को मिलेगा. सरकार का यह कदम स्वागतयोग्य है.
बजट में कृषि, स्टार्टअप और फाइनेंसियल स्टेबलिटी पर विशेष फोकस है. कुछ अन्य खास क्षेत्रों में भी फोकस किया गया है. बजट में आर्थिक ग्रोथ पर ध्यान रखा गया है. यदि कृषि का विकास होता है, तो इससे गांवों में आम आदमी के पास भी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी. जब खर्च होगा, तो निश्चित रूप से इससे इंडस्ट्री को लाभ होगा. यही कारण है कि सुस्त पड़ी इंडस्ट्री में यह बजट जान फूंकने का काम करेगा.
आम बजट सभी वर्ग के लोगों और सभी क्षेत्रों के लिए होता है. इसलिए सिर्फ खास क्षेत्रों पर फोकस कर यह नहीं बताया जा सकता है कि बजट में सारी बातें अच्छी हैं. ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों पर फोकस कर सरकार ने अच्छा काम किया है, लेकिन बजट में अब भी स्पष्टता का अभाव है.
कर्मचारी वर्ग के इपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि) पर टैक्स को लेकर जिस तरह से घोषणा की गयी थी, उसका विरोध होना स्वभाविक था. हालांकि, सरकार द्वारा इस पर यूटर्न लेने की बात बतायी जा रही है. मध्यवर्ग में नौकरीपेशा लोग थोड़ा निराश हैं, क्योंकि इस बार भी टैक्स के स्लैब में उन्हें राहत नहीं मिली है. निर्यात को कैसे बढ़ावा देना है, इस पर भी सरकार की ओर से ठोस चीज बजट में शामिल नहीं की गयी है.
सातवें वेतन आयोग को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. जीएसटी को सरकार एक ही साथ लागू कर देगी, क्योंकि ऐसा करने से बहुत बड़ा अंतर एक साथ आयेगा. इसीलिए इसे धीरे-धीरे शुरू करना चाहिए. बजट में सरकार ने छोटी-छोटी बातों पर भी ध्यान दिया है, लेकिन कुछ और चीजों पर गहराई से विचार कर स्पष्टता लायी होती तो और अच्छा रहता.
(बातचीत : अंजनी कुमार सिंह)
ग्रामीण विकास पर जोर
हर्षवर्धन नेवतिया, अध्यक्ष, फिक्की
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को रफ्तार देने की पहल से आनेवाले समय में इसका लाभ मिलेगा और इन क्षेत्रों में मजबूती आने से आपूर्ति बढ़ेगी और रोजगार के अवसरों में काफी वृद्धि होगी. पिछले दो सालों से कमजोर मॉनसून के कारण कृषि क्षेत्र पर काफी दबाव था और इसे दूर करने के उपाय जरूरी हैं. सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए लंबी अवधि की योजना बनायी है.
कृषि में बेहतरी की उम्मीद
ब्रजेश झा, अर्थशास्त्री (इंस्टीट्यूट ऑफ इकॉनोमिक ग्रोथ)
किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य इस बजट की सबसे बड़ी खासियत है. यह समय भले ही पांच साल का है, फिर भी अच्छी पहल है. ग्रामोद्योग पर भी जोर दिया गया है. कस्बाई इलाकों में 300 क्लस्टर बनाये जायेंगे, जो ग्रामोद्योग के लिए जरूरी है. इससे किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने का कृषि से इतर भी विकल्प मिलेगा और गांवों से पलायन रुकेगा.
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