भारत ने पाकिस्तान को एफ़-16 लड़ाकू विमान बेचने के अमरीका के फ़ैसले पर गहरी नाराज़गी जताई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, "हम पाकिस्तान को एफ़-16 विमान बेचने के लिए ओबामा प्रशासन द्वारा अधिसूचना जारी करने के फ़ैसले से निराश हैं."
उन्होंने कहा कि भारत अमरीका की इस राय से इत्तेफ़ाक नहीं रखता है कि इससे चरमपंथ के ख़िलाफ़ लड़ाई में मदद मिलेगी.
स्वरूप ने कहा कि पिछले कई सालों का रिकॉर्ड ख़ुद अपनी कहानी बयान करता है.
उन्होंने कहा कि भारत अमरीकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब कर अपनी नाराज़गी जताएगा.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ अमरीकी सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन द्वारा बनाए गए आठ एफ़-16 विमान पाकिस्तान को बेचने को मंजूरी दी है.
इन विमानों के साथ-साथ राडार और अन्य उपकरण भी पाकिस्तान को दिए जाएंगे. इसके लिए क़रीब 69.9 करोड़ डॉलर का क़रार किया गया है.
विदेशों को हथियारों की बिक्री पर नज़र रखने वाली अमरीकी रक्षा मंत्रालय की डिफेंस सिक्योरिटी एजेंसी ने कहा कि उसने इस संभावित करार के बारे में अधिसूचना जारी कर दी है.
इस बिक्री को रोकने के लिए सांसदों के पास 30 दिन का समय है लेकिन इसकी संभावना कम ही है क्योंकि औपचारिक अधिसूचना जारी होने से पहले ऐसे समझौतों के सभी पहलुओं पर विचार किया जाता है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)