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कूल यार, टेक इट इजी : कहीं आपके जीने का यही अंदाज तो नहीं!
– प्राची खरे आज के दौर में ‘टेक इट इजी’, ‘चिल-पिल’ और ‘कूल’ जैसे शब्दों का प्रयोग किशोरों का स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है. बात चाहे हंसी-मजाक की हो या फिर आनेवाली परीक्षा की, किशाेर बेहद हल्के अंदाज में ‘कूल यार, सब मैनेज हो जायेगा’ कह कर चिंता मुक्त हो जाते हैं. यूं तो किसी […]
– प्राची खरे
आज के दौर में ‘टेक इट इजी’, ‘चिल-पिल’ और ‘कूल’ जैसे शब्दों का प्रयोग किशोरों का स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है. बात चाहे हंसी-मजाक की हो या फिर आनेवाली परीक्षा की, किशाेर बेहद हल्के अंदाज में ‘कूल यार, सब मैनेज हो जायेगा’ कह कर चिंता मुक्त हो जाते हैं. यूं तो किसी भी परेशानी या कठिन परिस्थिति को चिंता मुक्त होकर धैर्य के साथ सुलझाना एक अच्छी आदत है, लेकिन हर बात को हल्के अंदाज में लेना कई बार टीनएजर्स के लिए नुकसानदेह साबित होता है. ऐसे में जरूरी है कि टीनएजर अपने जीवन में संतुलन को बरकरार रखें…
दोस्तों के बीच खुद को ‘कूल’ और ‘स्टाइलिश’ दिखाने के लिए 12वीं में पढ़नेवाला मयंक अकसर ‘टेंशन नहीं लेने का’, ‘चिल यार’ जैसे शब्दों का प्रयोग करता है. इतना ही नहीं, जब उसके दोस्त एग्जाम के बारे में बात करते हैं, तब भी उसका यही कहना होता है कि टेक इट इजी, मैं सारी प्रिपरेशन कर लूंगा.
मगर मयंक का यह टशन उस वक्त पूरी तरह से गायब हो जाता है, जब एग्जाम टाइम में उसे रो-रो कर दोस्तों से नोट्स मांगने पड़ते हैं. वहीं दूसरी ओर ओमी है जो ज्यादा नहीं बोलता, फिर भी कॉलेज के स्टूेंड्स उसे कूल मानते हैं. इसकी वजह है जिंदगी को हल्के अंदाज में जीने और हल्का बनाने के बीच के फर्क को समझना. इस फर्क को ओमी अच्छी तरह से समझता है और संतुलित तरीके से जीवन जीकर खुद को कठिनाइयों से दूर रखता है. कैसे, आइए जानते हैं…
मस्ती के टाइम मस्ती और पढ़ाई के टाइम पढ़ाई
अकसर देखा जाता है कि कुछ किशोर कॉलेज के दौरान दोस्तों के साथ हंसी-मजाक और कैंटीन की गपशप का पूरा मजा लेते हैं. वे स्टाइल की दुनिया में इस कदर खोये रहते हैं कि पढ़ाई को अनदेखा कर देते हैं. ऐसे किशाेर अाये दिन तरह-तरह की बातें करके अपने दोस्तों को इंप्रेस करने का प्रयास करते हैं, मगर जब एग्जाम के बाद स्कोर कार्ड दिखाया जाता है, तो उनके पूरे टशन पर पानी फिर जाता है. वहीं उन किशोरों का प्रभाव लोगों को हमेशा एक समान बना रहता है, जो मस्ती के साथ-साथ पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देते हैं. ऐसे किशोर क्लासमेट्स को तो इंप्रेस कर ही देते हैं, इसने टीचर्स भी काफी प्रभावित रहते हैं.
बड़ी-बड़ी नहीं, करें सच्ची बातें
किशोरावस्था में खुद को औरों से अलग और कूल दिखाने के लिए कई किशाेर बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं. दोस्तों को इंप्रेस करने के लिए कई तरह के झूठ बाेलते हैं. मगर जब सच सामने आता है तो न सिर्फ इनकी कूल होने की छवि खराब हो जाती है, बल्कि लोग इन पर विश्वास करना भी छोड़ देते हैं.
कुछ ऐसा ही हुआ रोशनी के साथ जाे आये दिन कॉलेज में नयी घड़ी, नये शूज पहन कर आती और दोस्तों को उनके दाम बढ़ा-चढ़ा कर बताती. शुरुआत में तो रोशनी की सहेलियां उसकी बातों पर यकीन कर लेती थीं, लेकिन जब उन्हें रोशनी की इस आदत का पता चला तो उन्होंने रोशनी से बात करना ही बंद कर दिया.
कूल लुक के फेर में न बिगाड़ें अपनी छवि
कॉलेज कैंपस में ऐसे भी कई किशोर नजर आते हैं जाे पढ़ाई की चिंता किये बिना घंटों कॉलेज कैंटीन में बिताते हैं. ऐसे किशोरों को भले ही उनके दोस्त कूल डूड मानते हैं, लेकिन स्टाइल दिखाने का यह तरीका इन किशोरों को काफी महंगा पड़ता है. स्टाइल के लिए भले ही इन किशोरों को पूरा कॉलेज पहचानता है, लेकिन पढ़ाई के मामले में इन्हें कोई नहीं याद करता. स्टाइल के आगे पढ़ाई के प्रति ऐसी लापरवाही किशारों के भविष्य पर काफी बुरा प्रभाव डालती है.
स्टाइल के चलते अपने लुक से एक्सपेरिमेंट करने में किशोरों को जरा भी वक्त नहीं लगता. खुद को अलग दिखाने के लिए कुछ किशोर अजीबो-गरीब कपड़े और हेयर स्टाइल कैरी करते हैं, तो कुछ टैटू व हेयर कलरिंग जैसे ट्रेंड्स के माध्यम से अपने कूल लुक को बयां करते हैं.
यूं तो फैशन ट्रेंड्स फॉलाे करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन पर्सनालिटी को न सूट करनेवाले लुक को अपना कर ऐसे किशाेर दोस्तों के बीच में हंसी का पात्र बन जाते हैं. अक्सर देखा जाता है कि ऐसे किशोरों को लोग गंभीरता से नहीं लेते और ये अकसर लोगों के बीच हंसी का पात्र बनते रहते हैं.
समझें कूल दिखने और कूल होने का फर्क
कूल बनने के लिए किसी भी किशोर को कूल दिखने और कूल होने के बीच के फर्क को समझना होगा. कोई भी किशोर तभी कूल रह सकता है, जब वह अपने ऊपर किसी प्रकार का प्रेशर न बनने दे. वक्त पर पढ़ाई करे, अपने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करे और खुद को परेशानी की स्थिति में फंसने से पहले ही परेशानी से दूर रहने का रास्ता निकाल ले. ये तभी संभव है जब आप जीवन के हर पहलू को गंभीरता से लेना शुरू करेंगे और मस्ती व जिम्मेवारी के बीच सही संतुलन बिठा कर जीवन जियेंगे.
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