अस्पताल कैंसर व हृदय रोगों के इलाज के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा शिशु रोग, महिला व प्रसूति रोग, हड्डी रोग, चर्म रोग, मनौवैज्ञानिक रोग आदि के इलाज की भी सुविधा है. रोबोटिक सजर्री, कॉस्मेटिक सजर्री, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी व प्लास्टिक सजर्री के लिए भी अस्पताल ख्यातिप्राप्त है. अस्पताल में 52 स्पेशियलिस्ट डॉक्टर हैं.
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल देश का पहला अस्पताल है, जो ज्वाइंट कमिशन इंटरनेशनल (जेसीआइ) से मान्यता प्राप्त है. यह भारत ही नहीं, बल्कि एशिया के प्रमुख अस्पतालों में एक है. अस्पताल में देश के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों से भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं. 1996 में स्थापित यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. जांच से लेकर इलाज तक के लिए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग किया जाता है. अस्पताल परिसर 15 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें 6,00,000 स्क्वॉयर फीट में अस्पताल की बिल्डिंग है. अस्पताल में फिलहाल 695 बेड हैं, जिसे बढ़ा कर 1000 बेड तक करने की योजना है. अबतक अस्पताल में एक लाख से अधिक मरीजों की हार्ट सजर्री की जा चुकी है.
52 स्पेशियलिस्ट
अस्पताल कैंसर व हृदय रोगों के इलाज के लिए प्रसिद्ध है. इसके अलावा शिशु रोग, महिला व प्रसूति रोग, हड्डी रोग, चर्म रोग, मनौवैज्ञानिक रोग आदि के इलाज की भी सुविधा है.
रोबोटिक सजर्री, कॉस्मेटिक सजर्री, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी व प्लास्टिक सजर्री के लिए भी अस्पताल ख्यातिप्राप्त है. इन विभागों को सुचारू रूप से चलाने के लिए अस्पताल में 52 स्पेशियलिस्ट डॉक्टर हैं. बोन मैरो ट्रांसप्लाटेंशन के लिए अलग से 6 बेड का वार्ड है.
लंबी है उपलब्धियों की सूची
अस्पताल की उपलब्धियों की सूची भी काफी लंबी है. 1998 में पेड्रियाट्रिक लीवर ट्रांसप्लांट करनेवाला अपोलो देश का पहला अस्पताल था.