7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अलग-अलग ग्रहों के प्राणी हैं महिला और पुरुष !

अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि ‘मैन आर फ्रॉम मार्स, वीमेन आर फ्रॉम वीनस यानी पुरुष मंगल ग्रह से और महिलाएं शुक्र से आयी हैं. लेकिन इन दोनों के मस्तिष्क पर हुए एक अध्ययन का मानना है कि एक मायने में यह सही हो सकता है.एक ताज़ा अध्ययन में पाया गया है कि पुरुषों और […]

अंग्रेज़ी में एक कहावत है कि ‘मैन आर फ्रॉम मार्स, वीमेन आर फ्रॉम वीनस यानी पुरुष मंगल ग्रह से और महिलाएं शुक्र से आयी हैं. लेकिन इन दोनों के मस्तिष्क पर हुए एक अध्ययन का मानना है कि एक मायने में यह सही हो सकता है.एक ताज़ा अध्ययन में पाया गया है कि पुरुषों और महिलाओं के मस्तिष्क की बुनावट इस क़दर भिन्न है कि लगता है कि दोनों ही अलग-अलग ग्रह की प्रजातियां हैं.

पुरुषों के मस्तिष्क की बुनावट आगे से पीछे की ओर होती है और दोनों हिस्सों को जोड़ने के लिए कुछ ही तंतु होते हैं जबकि महिलाओं के मस्तिष्क में तंतु बायें से दाहिने और दाहिने से बायें तिरछे एकदूसरे से जुड़े रहते हैं.

पुरुषों के मस्तिष्क में जहां तंत्रिका तंतु अपेक्षाकृत ज़्यादा होते हैं वहीं महिलाओं में न्यूरॉन कोशिकाएं रखने वाला ग्रे मैटर का हिस्सा ज़्यादा होता है.पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से जुड़े अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार, मस्तिष्क संरचना की बुनावट में इस भिन्नता से पुरुषों और महिलाओं के अलग-अलग व्यवहार एवं कौशल को समझा जा सकता है.इस शोध की अगुवाई करने वाली डॉ रागिनी वर्मा का कहना है कि पुरुषों के मस्तिष्क की बुनावट धारणा और कार्य में सामंजस्य बैठाने के लिए बेहतर है.

भिन्न व्यवहार

पुरुषों के मस्तिष्क का हेमीस्फियर बाहर से जबकि महिलाओं में यह अंदर से ज्यादा जुड़ा होता है.जबकि महिलाओं का मस्तिष्क विचार प्रक्रिया, विश्लेषण और अंतर-दृष्टि के लिहाज से दिल और दिमाग को एकीकृत उपयोग के लिए ज़्यादा उपयुक्त है.पहले हुए शोध में बताया गया था कि पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा चालक और स्थानिक क्षमता ज्यादा होती है.उदाहरण के लिए एक शल्य चिकित्सक को हाथों से बारीक सर्जरी करने के लिए बेहतर चालक क्षमता की ज़रूरत होती है.त्रिआयामी वस्तुओं की पहचान के लिए जिम्मेदार स्थानिक क्षमता नक्शों को पढ़ने और कार पार्किंग में मदद करती है.

इस शोध में, दूसरी तरफ, महिलाओं में बेहतर याददाश्त और सामाजिक सूचनाओं को व्यवस्थित करने की बेहतर दक्षता दिखायी गयी थी.महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज़्यादा दक्षता से दिमाग पढ़ सकती हैं. साथ ही वे बारीक मनोवैज्ञानिक छल के प्रति ज़्यादा संवेदनशील होती हैं.

गुत्थी सुलझी

नये शोध के बारे में प्रोसीडिंग ऑफ दि नेशनल एकेडमी जर्नल में प्रकाशित हुआ है.यह शोध आठ से 22 वर्ष उम्र के क़रीब 1,000 बच्चों और युवाओं के ब्रेन स्कैन के अध्ययन पर आधारित है.वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार की एमआरआई की मदद से मस्तिष्क के अंदर न्यूरॉन्स की संरचनागत बुनावट की जांच की. इस नयी तकनीक का नाम डीटीआई (डिफ्यूजिंग टेंसर इमेजिंग) है.

इस तकनीक ने मस्तिष्क के ह्वाइट मैटर की मैपिंग करने को संभव बनाया. ह्वाइट मैटर में केबल वायरिंग की तरह तंत्रिका तंतु होते हैं जिनमें त्रिआयामी संदेश होकर गुजरते हैं.अध्ययन से पता चला कि मनुष्य के मस्तिष्क की संरचनागत बुनावट में बुनियादी लैंगिक भेद है.

एकाग्रता में महिलाएं आगे

शोधकर्ताओं के अनुसार, व्यवहार की जांच में प्रभावी लैंगिक भेद देखने को मिला.एकाग्रता, शब्द एवं चेहरे याद रखना और सामाजिक बंधनों को याद रखने के मामले में महिलाओं ने पुरुषों को काफ़ी पीछे छोड़ दिया.पुरुष ‘स्थानिक’ क्षमताओं, मसलन सामंजस्यपूर्ण कार्रवाइयों के मामले में बेहतर दिखे. वैज्ञानिकों ने 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में जो लैंगिक भेद चिह्नित किये थे, वो 14 से 17 वर्ष की उम्र में ज़्यादा प्रभावी हो गये.मस्तिष्क के एक ख़ास हिस्से, जिसे सेरीबेलम कहते हैं, में उल्टी वायरिंग दिखी. पुरुषों में इस हिस्से में ज़्यादा कनेक्टिविटी दिखी जबकि महिलाओं इस हेमिस्फियर के अंदर ज्यादा कनेक्टिविटी दिखी.

(साभार बीबीसी डॉटकॉम)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें