तमिलनाडु में ख़ास पारंपरिक त्योहार पोंगल के दौरान खेला जाने वाला जल्लीकट्टू केंद्र और राज्य सरकार के बीच रस्साकशी का कारण बन गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार केंद्र सरकार ने सांड़ को क़ाबू में करने के खेल यानी जल्लीकट्टू पर पाबंदी हटाने के लिए अधिसूचना जारी की जिसे सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के सामने याचिका दायर करते हुए मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग की गई है.
अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए मंगलवार को सुनवाई करने का फ़ैसला किया है.
जल्लीकट्टू पर पाबंदी हटाए जाने के ख़िलाफ़ भारत पशु कल्याण समिति, ‘पीपुल फ़ॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ़ एनिमल्स (पेटा)’ और बेंगलुरु की एक ग़ैर-सरकारी संस्था की ओर से याचिका दाख़िल की गई है.
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से चार साल से पाबंदी थी. लेकिन आठ जनवरी को नरेंद्र मोदी सरकार ने अधिसूचना जारी करते हुए कुछ नियमों के साथ इस खेल पर लगी सालों पुरानी पाबंदी हटा दी.
तमिलनाडु में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. जानकारों का मानना है कि चुनाव के मद्देनज़र ये फ़ैसला किया गया है.
पशु अधिकारों की पैरवी करने वाले समूहों की ओर से घोर आपत्ति के बावजूद परंपरागत फ़सल कटाई के त्योहार पोंगल के एक दिन पहले सरकार ने इसे जारी रखने का आदेश जारी किया था.
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