कश्मीर के प्रमुख अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कश्मीर के कुछ नौजवानों के इस्लामिक स्टेट (दाइश) का झंडा लहराने की निंदा की है.
उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा, "दाइश (आईएस) वाले इस्लाम का नाम बदनाम करते हैं और निहत्थे लोगों का कत्ल करते हैं. इसकी इस्लाम इजाज़त नहीं देता. इसलिए उनके झंडे लहराने और उनके कार्यक्रमों में शिरकत करने की इस्लाम इजाज़त नहीं देता."
आगे वो कहते हैं, "इस्लामिक स्टेट ने फ्रांस में 130 लोगों का कत्ल किया. इस्लाम बिला वजह किसी की कत्ल की इजाज़त नहीं देता. इस्लाम के मुताबिक़ एक इंसान का कत्ल करना सारी इंसानियत का कत्ल करने के बराबर है."
उनका कहना है कि हमारी फिक्र इस बात को लेकर है कि कोई इस्लाम को बदनाम ना करे. हम इसे बर्दाश्त नहीं करते हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत पर उनका कहना है कि उनकी दिलचस्पी इस बातचीत को लेकर तब है जब कश्मीर के मसले पर बात किया जाए.
वो कहते हैं, "अब तक दोनों देशों के बीच 150 बार से ज्यादा बार बातचीत हुई है लेकिन कश्मीर की समस्या को सुलझाने को लेकर कोई पेशकश नहीं दिखी. इसलिए हमें इस तरह की बातचीत से कोई दिलचस्पी नहीं है."
(सैयद अली शाह गिलानी से बीबीसी संवाददाता अमल चौधरी की बातचीत पर आधारित)
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