चीन की संसद ने क़ानून में उस बदलाव को मंज़ूरी दे दी है जिसके बाद हर चीनी दंपति एक जनवरी के बाद से दो बच्चे पैदा कर सकेंगे.
इस साल के अक्तूबर में सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी ने इन बदलावों की घोषणा की थी.
चीन ने 1970 के दशक में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए एक बच्चा नीति लागू की थी.
संसद ने घरेलू हिंसा के ख़िलाफ़ देश के सबसे पहले क़ानून को भी मंजूरी दे दी.
राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार नया क़ानून औपचारिक रूप से परिवार के सदस्यों द्वारा दी गई शारीरिक, मानसिक और दूसरी क्षति को अपराध मानता है.
इसी के साथ चीनी संसद ने देश के पहले चरमपंथरोधी क़ानून को भी मंज़ूरी दी जिसके तहत अब कंपनियां संवेदनशील जानकारी जैसे एन्क्रिप्शन कुंजियां भी सरकार के साथ साझा कर सकेंगी.
यह क़ानून एक जनवरी से लागू हो जाएगा.
अमरीका ने तकनीकी व्यवसाय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर इस नए क़ानून के असर को लेकर चिंता जताई है.
चीनी अधिकारियों का कहना है कि चरमपंथी तेज़ी से साइबर स्पेस का रुख़ कर रहे हैं और इसलिए नए प्रावधानों की ज़रूरत है.
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