बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम मामलों के मंत्री एकेएम मुज़म्मल हक़ ने कहा है कि कि सरकार 1971 के युद्ध अपराधियों की संपत्ति को ज़ब्त करने के लिए अगर ज़रूरी हुआ तो कानून में बदलाव करेगी.
मंगलवार को हक़ ने कहा कि 1971 की लड़ाई में पाकिस्तानी सेना का साथ देने और बांग्लादेश की आज़ादी का विरोध करने वाले जमात-ए-इस्लामी पर युद्ध अपराधों के लिए प्रतिबंध भी लगेगा.
मुज़म्मल हक़ का बयान विजय दिवस से ठीक पहले ऐसे वक्त आया है जब आज़ादी का समर्थन करने वाली ताकतें मज़बूत हो रही है.
बांग्लादेश 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाने की तैयारी में हैं. बुधवार को मुक्ति संग्राम के उन नायकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी जिन्होंने अपना जीवन क़ुर्बान कर बांग्लादेश के रूप में अलग राष्ट्र को जन्म दिया.
बांग्लादेश ने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी है कि वह युद्ध अपराधियों के खिलाफ़ 2009 में शुरू हुए मुकदमों पर प्रतिक्रिया देने से बचे. चार शीर्ष इस्लामी नेताओं को युद्ध अपराधों के मुकदमों के लिए बने ट्राइब्यूनल की सुनाई सज़ा पर पहले ही फांसी दी जा चुकी है. इनमें तीन नेता जमात-ए-इस्लामी और एक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के हैं.
विदेश मंत्री एच महमूद अली ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों की ‘समीक्षा’ की जा रही है.
बांग्लादेश के दो पूर्व सेना प्रमुखों ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध खत्म करने की मांग की है. पूर्व सेनाध्यक्ष लेफ़्टिनेंट जनरल के एम शफ़ीउल्लाह औऱ अब्दुल्लाह हारून ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान बांग्लादेश की सुरक्षा के लिए खतरा है.
एक शीर्ष इस्लामी कट्टरपंथी नेता इदरीस शेख़ ने पिछले हफ़्ते गिरफ़्तारी के बाद न्यायिक कबूलनामे में कहा है कि उनके गुट जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को पाकिस्तानी खुफ़िया एजेंसी से पैसे मिलते हैं.
बांग्लादेश की डिटेक्टिव पुलिस के डिप्टी कमिश्नर मोनीरुल इस्लाम ने बीबीसी हिंदी को बताया कि इदरीस ने पाकिस्तानी उच्चायोग में सेकेंड सेक्रेटरी फ़रीना अशरद से पैसे मिलने की बात कही है.
इस्लाम और इदरीस ने आईएसआई के एक और अधिकारी कैप्टेन असीम का भी नाम लिया जो जेएमबी के कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं.
बांग्लादेश ने इस साल के शुरू में पाकिस्तान को अपने राजनयिक मज़हर खान को वापस बुलाने पर मजबूर किया. बांग्लादेशी खुफ़िया एजेंसी ने उनके, जेएमबी और अंसारुल्लाह बांग्ला के चरमपंथियों के बीच पैसों के लेनदेन का पता लगाया था.
अंसारुल्लाह बांग्ला के चरमपंथियों को सेक्यूलर ब्लॉगरों की हत्या का ज़िम्मेदार माना जाता है. इन लोगों ने प्रकाशकों, हिंदू मंदिरों और ईसाई धर्मगुरुओं को भी निशाना बनाया है.
इस बीच ढाका यूनिवर्सिटी ने पाकिस्तान की यूनिवर्सिटियों के साथ सभी शैक्षिक संबंध ख़त्म कर लिए हैं. वाइस चांसलर आरफ़िन सिद्दिक़ी ने बीबीसी हिंदी से कहा कि ये फ़ैसला यूनिवर्सिटी के नीति निर्धारक सिंडिकेट ने सर्वसम्मति से किया है.
16 दिसंबर बांग्लादेश का विजय दिवस है जिसे देखते हुए बांग्लादेश में पाकिस्तान विरोधी भावनाएं तेज़ हो गई हैं.
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