रोटावायरस से होने वाली डायरिया की गंभीर बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए जल्द ही सस्ती वैक्सीन मुहैया होगी. स्वदेश में विकसित इस वैक्सीन की एक डोज की कीमत करीब 50 रुपये ही होगी.
जबकि फिलहाल इस्तेमाल की जा रही वैक्सीन के लिए 800 से 900 रुपये तक चुकाने पड़ते हैं.
रोटावायरस डायरिया के चलते देश में हर साल एक लाख से ज्यादा बच्चों की मौत हो जाती है. वैज्ञानिकों ने 28 साल के लंबे प्रयासों के बाद इस वैक्सीन को तैयार करने में कामयाबी हासिल की है.
वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे पेश करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि यदि वैक्सीन एक साल तक के बच्चों को दी जाती है तो यह बीमारी को रोकने में 56 फीसदी तक कारगर है.
एम्स में बायोटेक्नोलॉजी विभाग में सचिव रहे एमके भान ने कहा है कि वैक्सीन काफी असरदार है. हालांकि उन्होंने बताया कि वैक्सीन का व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने में अभी कुछ वक्त लगेगा क्योंकि वैक्सीन को अभी ड्रग कंट्रोलर जनरल से हरी झंडी नहीं मिली है.
इस वैक्सीन के विकास और क्लीनिकल ट्रायल से जुड़ी कंपनी भारत बायोटेक ने इसकी एक डोज की कीमत एक डॉलर (करीब 54.7 रुपये) रखने का ऐलान किया है.