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कौटिल्य पंडित, कुदरत का कमाल!

जिस उम्र में बच्चे खेलते-कूदते हैं, उस उम्र में हरियाणा के कौटिल्य पंडित बेङिाझक प्रश्नों के उत्तर देते हैं. देश-दुनिया की छोटी-बड़ी जानकारियां उन्हें मुंह जबानी याद है. उनका आइक्यू सामान्य बच्चों से कई प्वाइंट अधिक है. उनकी स्मरण क्षमता हम सबको चौंकाती हैं. हरियाणा के करनाल जिले के कोहंद गांव के रहने वाले पांच […]

जिस उम्र में बच्चे खेलते-कूदते हैं, उस उम्र में हरियाणा के कौटिल्य पंडित बेङिाझक प्रश्नों के उत्तर देते हैं. देश-दुनिया की छोटी-बड़ी जानकारियां उन्हें मुंह जबानी याद है. उनका आइक्यू सामान्य बच्चों से कई प्वाइंट अधिक है. उनकी स्मरण क्षमता हम सबको चौंकाती हैं.

हरियाणा के करनाल जिले के कोहंद गांव के रहने वाले पांच साल आठ माह के कौटिल्य पंडित अपने जिले में सेलेब्रिटी बन चुके हैं. लोग उनके साथ फोटो खिंचवाने उनके घर आते हैं. उनका ऑटोग्राफ लेते हैं. केबीसी में आने से पहले ही उन्हें गूगल ब्वाय के रूप में जाना जाने लगा था.

हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा उन्हें भविष्य का आइंस्टीन बताते हैं. उनकी अद्भुत प्रतिभा को देखते हुए उन्होंने उनकी आगे की पढ़ाई के लिए दस लाख रुपये दिये थे. कौटिल्य के साथ केबीसी प्रोग्राम पेश करने के बाद अमिताभ बच्चन ने ट्विट करके कहा कि इस जीनियस बच्चे ने उन सवालों का जवाब इतनी सहजता से दिया, जिसका जवाब वैज्ञानिक और बहुत पढ़े-लिखे लोग भी नहीं दे पायेंगे.कौटिल्य ने केबीसी पर पूछे गये प्रश्नों का जवाब एक सेकेंड से भी कम समय में दिया.

वर्ल्ड एटलस का महारथी
पहली कक्षा के छात्र कौटिल्य को दुनिया का नक्शा और भिन्न-भिन्न देशों के लोकेशंस और उनसे जुड़ी जानकारियां ऐसे याद हैं, जैसे वह अपने पड़ोसी लोगों को जानता है. इस साल की शुरुआत में स्कूल में बच्चों को एटलस लाने को कहा गया. बच्चों को बताया कि यूरोप की एक छोटी बच्ची को 150 देशों की राजधानी और उनसे जुड़ी जानकारियां कंठस्थ है, वे भी ऐसा करके उसका रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं. इसके ठीक अगले ही दिन कौटिल्य ने विश्व नक्शा को याद कर लिया. 20 दिनों के अंदर तो उसने एटलस में महारथ हासिल कर ली. देशों की राजधानियां और भौगोलिक स्थिति ही नहीं, बल्कि वह उनकी अर्थव्यवस्था के बारे में भी विस्तार से बता सकता है. वह बड़ी गंभीरता से पूछता है कि क्या भारत 2018 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है?

आइक्यू जबरदस्त : कौटिल्य के पिता सतीश शर्मा गांव में ही एक प्राइवेट स्कूल चलाते हैं. उन्हें भी वर्ल्ड अफेयर्स के बारे में जानने की उत्कंठा रही है. वह बताते हैं कि कौटिल्य में यह गुण उनकी वजह से ही आया है. सतीश के दो और बच्चे मृदुल (9 वर्ष) और दीक्षा (7) हैं, जिनकी पढ़ाई-लिखाई पर वह कौटिल्य की भांति ही ध्यान देते हैं. जब सतीश को अपने बेटे की अद्भुत स्मरण क्षमता और साथ ही चीजों को समझने के बारे में पता चला, तो उन्हें यह थोड़ा विचित्र लगा. वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर से मिले. उन्होंने बताया कि कौटिल्य का आइक्यू सामान्य बच्चों के 92-110 प्वांइट के मुकाबले 130 है और इस पर विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है.

दादा सबसे अच्छे दोस्त : कौटिल्य के दादा जेके शर्मा एक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं. कौटिल्य उन्हें सबसे अच्छा दोस्त मानते हैं. वह सुबह उठ कर अपने दादा के साथ टहलने जाते हैं. अपनी पढ़ाई-लिखाई में बारे में उनसे बात करते हैं. शाम में स्कूल से आने के बाद वह एक घंटे पढ़ाई करते हैं.

कौटिल्य के भविष्य की चिंता
हरियाणा सरकार ने कौटिल्य की आगे की पढ़ाई के लिए दस लाख रुपये दिये हैं. हालांकि शर्मा परिवार भी चाहता है कि कौटिल्य की पढ़ाई में पैसा कभी आड़े नहीं आये. कौटिल्य आइएएस बनने की इच्छा रखता है, पर बाल स्वभाव होने की वजह से वह वैज्ञानिक या एस्ट्रोनॉट भी बनना चाहता है. भले ही कौटिल्य की चाहत उम्र की वजह से बदल रही हो, पर पहचान भारत के असाधारण प्रतिभा के धनी बच्चे के रूप में है.

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