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दीपों का पर्व आज : वृष लग्न में करें मां लक्ष्मी की पूजा
प्रदोष काल में वृष लग्न 5.26 से 7.23 बजे तक उत्तम मुहूर्त स्थिर लग्न के शुभ मुहूर्त वृष लग्न शाम 5.26 से 7.23 बजे तक मिथुन लग्न शाम 7.20 से 9.37 बजे तक सिंह लग्न रात्रि 11.55 से 2.08 बजे तक पटना : रोशनी का पर्व दीवाली बुधवार को पूरे प्रदेश में धूम-धाम से मनायी […]
प्रदोष काल में वृष लग्न 5.26 से 7.23 बजे तक उत्तम मुहूर्त
स्थिर लग्न के शुभ मुहूर्त
वृष लग्न शाम 5.26 से 7.23 बजे तक
मिथुन लग्न शाम 7.20 से 9.37 बजे तक
सिंह लग्न रात्रि 11.55 से 2.08 बजे तक
पटना : रोशनी का पर्व दीवाली बुधवार को पूरे प्रदेश में धूम-धाम से मनायी जायेगी. कार्तिक महीने के अमावस्या तिथि बुधवार को गृहस्थ और व्यापारी दोनों वर्गों के लोग मां लक्ष्मी की पूजा करेंगे.
व्यापारी इस दिन पूजा कर बही -खाताें को बदलते हैं, तो वहीं गृहस्थ प्रदोष काल में महालक्ष्मी की पूजा करते हैं. पंडित मार्कण्डेय शारदेय के अनुसार दीवाली में गोधूलि लग्न से आरंभ होने वाली पूजा महानिशिथ काल अर्थात अर्द्ध रात्रि तक की जाती है. इस वर्ष प्रदोष काल में वृष लग्न में 5.26 से 7.2 3 बजे तक महालक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है.
शास्त्रों के अनुसार स्थिर लग्न में वृश्चिक, कुंभ, वृष व सिंह चार लग्न पूजा के लिए सर्वोत्तम समय माना गया है. गोधूलि वेला 4. 45 मिनट से 5.31 मिनट तक है. इस समय पूजा करना अच्छा है.
वहीं, वृष लग्न में शाम 5.26 से 7.23 बजे तक सर्वोत्तम मुहूर्त है. वहीं, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए सिंह लग्न में पूजा करना भी उत्तम माना गया है, जो अर्द्ध रात्रि 11.55 से 2.08 बजे तक है. तांत्रिक जगत व मंत्र सिद्धी के लिए यह पूजन का महत्वपूर्ण समय है, साथ ही अहले सुबह गुरुवार को सूप बजाकर दरिद्र नारायण का निष्कारण करें.
दीवाली में शुद्धीकरण के लिए बनायें रंगोली
दीपावली पर घर-घर रंगोली बनाने का विधान है. पौराणिक कथा के अनुसार रंगोली शुद्धता का प्रतीक है.भूमि शुद्धीकरण व समृद्धि के रुप में इसे बनाया जाता है. घर के मुख्य द्वारा पर सजी रंगोली देख मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
इससे दीपावली पर सुंदर व आकर्षक रंगोली बना कर मां लक्ष्मी का स्वागत करते हैं. पंडितों के अनुसार त्योहार ,व्रत पूजा उत्सवों जैसे शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से इसे बनाया जाता है.इसे घरों की महिलाएं बनाती हैं.
इससे घर में सुख-समृद्धि आती है.रंगोली दो तरीके से बनायी जाती है.सूखी और गीली.सूखे में बिंदुओं को जोड़ कर बनायी जाती है.सफेद रंग से जमीन पर किसी विशेष आकार में निश्चित बिंदु बनाये. फिर उन बिंदुओं को मिलाते हुए एक सुंदर आकृत्ति बनायें.आकृति को मनचाहे रंगों व फूलों से सजावट करें.गीली रंगोली में सीधे जमीन पर आकृति बनायी जाती है.
बाजार में कई तरह के डिजाइन वाले रंगोली उपलब्ध हैं. इसे मनचाहे जगहों पर इसे आसानी से चिपका सकते हैं.इसके अलावा बिुदंओं के रुप में उभरी हुई आकृत्तियां भी मिलती है. जिसे जमीन पर रखकर उसपर रंग डाल रंगोली बनायी जा सकती हैं. रंगोली का दूसरा नाम अल्पना है. मोह जोदड़ों व हड़प्पा संस्कृति में इसकी देन हैं. प्राचीन काल में धन-धान्य व वैभव की प्राप्ति के लिए बनाते थे.इससे इस कला का प्रचलन धार्मिक और सामाजिक अवसरों पर है.
रंग-बिरंगी आतिशबाजी से जहरीले रसायनों का खतरा
पटाखों से निकलनेवाली रोशनी से शरीर के साथ पर्यावरण को भी खतरा
पटना : रंग-बिरंगी आतिशबाजी खूब लुभाती है. लेकिन क्या आपको पता है कि विभिन्न प्रकार के पटाखों से जो रंगीन रोशनी निकलती हैं, उनमें बेरियम, स्ट्रॉशियम और लीथियम जैसे जहरीले तत्व होते हैं. पटाखे के जलने के बाद ये तत्व पर्यावरण में किसी-न-किसी रूप में घुल जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए चुनौती बन जाते हैं. इस बार कम पटाखे चला कर पर्यावरण और हमारे स्वास्थ्य को होनेवाले नुकसान को कम किया जा सकता है.
दरअसल रासायनिक तत्व पर्यावरण को बदरंग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अनार, रॉकेट व अन्य पटाखे जो रंगीन प्रकाश पैदा करते हैं, उनमें भारी धातु, जहरीले लवण और क्लोरीनेटेड यौगिक मिलाये जाते हैं.
जलने के बाद यह पर्यावरण में समा जाते हैं और हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं. जब रंगीन पटाखे चलाये जाते हैं, तो उनसे जो धुआं और धूल निकलती है, उसमें कई जहरीले तत्व जैसे बेरियम, आर्सेनिक सल्फाइड और भारी धातु होते हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञों के अनुसार भारी धातु और बेरियम जैसे तत्व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. यह तत्व पटाखे के धुएं के साथ वातावरण में मिलते हैं. धुएं के साथ तो ये तत्व हमारे शरीर के अंदर चले जाते हैं. इसके अलावा सुबह की ओस के साथ यह धरती पर आ जाते हैं. इनकी ज्यादा मात्रा से हमारी किडनी, रक्त परिसंचरण तंत्र आदि पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
गुलजार रहा पटाखा बाजार, नौ करोड़ रुपये का हुआ कारोबार
पटना सिटी : महंगाई व चुनाव की वजह से मंदी के दामन में फंसे पटाखा बाजार में अनुमान के मुताबिक लगभग 8 से 9 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है. वह भी ऐसे समय में जब पटाखा की कीमत बीते वर्ष की तुलना में दस फीसदी बढ़ चुकी है. यह कारोबार थोक व खुदरा बाजार के साथ यहां से दूसरे जिलों में बिक्री के लिए गये पटाखों की है.
आतिशबाजी के थोक कारोबार से जुड़े व्यवसायी की मानें, तो समृद्ध ग्राहकों ने फैंसी पटाखा को ज्यादा तरजीह दी है. इसके अलावा परंपरागत आतिशबाजी में बीड़ी बम, हाइड्रो बम, चटाई बम, एटम बम, रस्सी, कुलिया, फूलझड़ी आदि बिक्री हुई है. देर शाम तक पश्चिम दरवाजा से लेकर खाजेकलां के बीच स्थित पटाखा दुकानों में खरीदारों की भीड़ जुटी रही.
दीपावली मनाएं, पर संभल कर
पटना़ दीपावली की खुशियां जम कर मनायें. अपने तरीके व अपने अंदाज में. दीये जलायें, रंग-बिरंगी रोशनीवाले पटाखे छोड़े और एक-दूसरे को उपहार दें. लेकिन, इन सब के बीच कुछ बातों का ख्याल विशेष रूप से रखें, ताकि रंग में भंग न पड़े. पटाखा फोड़ने से लेकर दीया जलाने के साथ रखे कुछ टिप्स पर ध्यान दें.
ऐसा करने से आपकी दीवाली खुशियों से झूम उठेगी और कोई छोटा हादसा हुआ भी, तो उसका प्राथमिक उपचार आप घर में खुद कर सकते हैं. अभिभावकों को कोशिश करना चाहिए कि जहां बच्चे पटाखा फोड़ रहें हो, वहां एक बड़ा व्यक्ति जरूर रहे. दीवाली पर सावधानी जरूर बरतें
आज अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवा, ओपीडी बंद
पटना : दीपावली को लेकर बुधवार को सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेगा और मरीजों को सिर्फ इमरजेंसी सेवा मिलेगी. पीएमसीएच अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद ने कहा कि दिवाली में ओपीडी बंद रहेगा. लेकिन, इमरजेंसी में मरीजों के लिए पूरी सुविधा मौजूद रहेगी.
इमरजेंसी दवा व सर्जिकल आइटम मंगवा लिये गये है और उसे प्लास्टिक सर्जरी विभाग में सुरक्षित रख दिया गया है. पटना सिविल सर्जन डॉ गिरिंद्र शेखर सिंह ने कहा कि अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा के लिए सभी डॉक्टरों की स्पेशल ड्यूटी रोस्टर तैयार की गयी है. घायल हुए मरीजों के लिए दवाओं की पूर्ण व्यवस्था की गयी है.
अस्पतालों में अलर्ट, डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द
पटना : स्वास्थ्य विभाग की ओर से बिहार के सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है. इसको लेकर विभाग ने सभी सिविल सर्जन व अधीक्षक को पत्र लिख कर सभी डॉक्टरों की छुटटी रदद करने का निर्देश जारी किया है, जिसके बाद अस्पतालों में डॉक्टरों की विशेष रोस्टर तैयार कर डयूटी बांट दी गयी है. दीपावली की रात डॉक्टरों को अपना मुख्यालय छोड़ कहीं नहीं जाना है और पीएमसीएच, एनएमसीएच व आइजीआइएमएस में आपातकाल के लिये विशेष व्यवस्था की गयी है. पीएमसीएच व शहरी अस्पतालों में देर रात मिलेगी इमरजेंसी सुविधा दीपावली की रात अगर कोई पटाखा से घायल होता है, तो उसके लिये अस्पतालों में रात में भी इमरजेंसी सुविधा की पूर्ण व्यवस्था की गयी है. इलाज ठीक से हो या उसे प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच रेफर करने की बारी आये, इसलिए एंबुलेंस की भी सुविधा रहेगी.
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