।। दक्षा वैदकर।।
रिश्ते बड़ी मुश्किल से बनते हैं इसलिए जब वे एक बार किसी के साथ बन जाते हैं, तो हमें उन्हें दिल से निभाना चाहिए. खुद के बारे में, अपनी तरक्की के बारे में सोचना बहुत अच्छी बात है, लेकिन दूसरों को चोट पहुंचा कर, उनका दिल दुखा कर सफलता पाने का कोई अर्थ नहीं है.
मैंने सालों पहले किसी से एक कहानी सुनी थी, जो मेरे दिल के बेहद करीब है. दो गहरे दोस्त थे. हैरी और बिन. दोनों स्कूल, कॉलेज के बाद फौज में भी साथ ही भर्ती हुए थे. जब जंग छिड़ी, तो दोनों एक ही यूनिट में थे. एक रात उनकी यूनिट पर हमला हुआ. चारों तरफ गोलियां बरस रही थीं. ऐसे में अंधेरे से आवाज आयी, ‘हैरी, आओ, मेरी मदद करो.’ हैरी ने अपने बचपन के दोस्त बिल की आवाज फौरन पहचान ली. उसने अपने कैप्टन से पूछा, ‘क्या मैं जा सकता हूं?’ कैप्टन ने जवाब दिया, ‘नहीं, मैं तुम्हें जाने की इजाजत नहीं दे सकता. मेरे पास पहले से ही आदमी कम हैं. मैं अपने एक और आदमी को नहीं खोना चाहता. वैसे भी बिल की आवाज से ऐसा लग रहा है कि वह बचेगा नहीं.’ हैरी चुप रहा. फिर बिल की आवाज आयी, ‘हैरी, मेरी मदद करो.’.
इस बार हैरी नहीं रुका. वह अंधेरे में रेंगता हुआ दोस्त के पास गया और बिल को खींच कर अपने ठिकाने पर ले आया. सभी ने पाया कि बिल मर चुका है. कैप्टन यह देख नाराज हो गये. उन्होंने हैरी से चिल्ला कर कहा, ‘मैंने कहा था न कि वह नहीं बचेगा. वह मर गया है. उसे लाने के चक्कर में तुम भी मर जाते तो मैं अपना एक और साथी खो बैठता. तुमने वहां जा कर गलती की. तुम्हें इसकी सजा मिलेगी.’ हैरी ने कहा, ‘कैप्टन, मैंने जो किया वह ठीक था. जब मैं बिल के पास पहुंचा, तो वह जिंदा था और उसके आखिरी शब्द थे ‘हैरी, मुङो यकीन था कि तुम जरूर आओगे. सर, आप मुङो जो भी सजा देना चाहें, मैं भुगतने को तैयार हूं.’ इतना सुनते ही कैप्टन ने हैरी को गले लगा लिया.
तात्पर्य यह कि आप कितने ही काबिल क्यों न हों, यदि आप पर लोग भरोसा नहीं कर सकते, तो आपका जीवन बेकार है. लोगों का भरोसा जीतना बहुत बड़ी बात है. जब आप एक बार भरोसा जीत लें, तो उसे कभी न तोड़ें. किसी ने सच ही कहा है कि एक छटाक वफादरी एक सेर चालाकी से ज्यादा अच्छी है.
बात पते की..
-जो व्यक्ति आप पर आंख मूंद कर भरोसा करता है, उसका दिल कभी न तोड़ें. आप बाकी सारी चीजें दोबारा पा सकते हैं, सिवाय विश्वास के.
-हमें उन लोगों के लिए अपने निजी हितों का त्याग कर देना चाहिए, जो हम पर निर्भर हैं, जिनकी हम परवाह करते हैं.