पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार में रैलियों पर महागंठबंधन ने उनके आरोपों को निराधार बताया है. जदयू कार्यालय में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर जदयू, राजद व कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की रैलियों को विषयहीन, स्तरहीन और नकारात्मक बताया है. जदयू के राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री थोड़े अंतराल के बाद फिर बिहार आये. वे तो 16 व 20 अक्तूबर को भी सभा करने वाले थे, लेकिन प्रदेश भाजपा ने उसे यह कह कर रद्द करवा दिया था कि प्रधानमंत्री जब-जब रैली करते हैं तब-तब महागंठबंधन का समर्थन बढ़ जाता है.
जदयू सांसद ने प्रधानमंत्री से छह सवाल किये. 1. पीएम ने अपने भाषण में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा किसी सभा में माइक के लिए डांटने की घटना का जिक्र किया और कहा कि वे उससे दुखी है, लेकिन प्रधानमंत्री अब तक हरियाणा में दो दलित बच्चों को जलाये जाने के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह के कुत्ते से तुलना के आये बयान पर अब तक दुखी नहीं हुए. अब भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं. 2. प्रधानमंत्री ने रैली में संघ प्रमुख मोहन भागवत का नाम नहीं लिया और ना ही उनकी आरक्षण पर की गयी टिप्पणी की भर्त्सना की. 3. प्रधानमंत्री ने हरित क्रांति की बात कही, जब हरित क्रांति ही लानी थी तो भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन क्यों करा रहे थे. 4. प्रधानमंत्री ने महागंठबंधन में जदयू, राजद, कांग्रेस के साथ तांत्रिक के महागंठबंधन की बात कही. वे डेढ़ साल पुराने वीडियो की चर्चा कर रहे थे. प्रधानमंत्री को लगता है याद नहीं है कि वे आसाराम की गोद पर बैठ गये थे और कहा था कि वे अपने को भाग्यशाली मानते हैं कि महान संत के आशीर्वाद व स्नेह मिला. इस पर आसाराम ने कहा था कि वे नरेंद्र मोदी में शिव को देखते हैं.
5. प्रधानमंत्री ने अपनी रैली में विकास की बात कही, लेकिन वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सात निश्चयों की कॉपी करते दिखे. कोई ठोस योजना उन्होंने नहीं दिखाई. 6. उन्होंने भूटान की हाइड्रो योजना की बात की. यह योजना उनके जाने के बाद शुरू नहीं हुई है. यह तो 1960 से ही चल रही है. रविवार को हुई रैलियों में सिर्फ लंबे भाषण, झूठे बोल, मोदी जी की खुल गयी पोल.
प्रेस कांफ्रेंस में जदयू सांसद हरिवंश और कांग्रेस ने तनवीर हसन भी मौजूद थे.
पीएम के स्क्रिप्ट राइटर हैं गिरिराज : मनोज झा
राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय राज्य मंत्री को अपना स्क्रीप्ट राइटर रखा है. प्रधानमंत्री को अपना स्क्रीप्ट राइटर बदलना चाहिए, पीएम विकास को परिभाषित करें, सिर्फ विकास का गुब्बारा ना उड़ाए. प्रधानमंत्री जब भी बिहार आते हैं बिहारी मानस को चोटिल कर जाते हैं. उन्होंने इस बार रैली में कह दिया कि बिहार का पिछड़ापन देश के माथे पर कलंक है. अगर एक दिन के लिए बिहार के लोग देश में अपने हाथ बंद कर दें तो देश की अर्थव्यवस्था डगमगा जायेगी. मनोज झा ने कहा कि पीएम ने अपनी रैली में कहा कि महागंठबंधन बिहार को 18वीं सदी में ले जाना चाहती है, लेकन जो संघ है वह देश को बर्बादी की ओर से ले जाना चाहता है.
महंगाई नहीं बढ़ी, हो रही है लूट : मोहन प्रकाश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोहन प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार जो बोल रहे हैं उनके विपरित काम कर रहे हैं. वे अब नीतीश और लालू प्रसाद से हिसाब मांग रहे हैं. देश में महंगाई ही नहीं बढ़ी, लूट मची हुई है. अगर दाल के दाम 5-55 रुपये से 70-80 रुपये हो जाता है तो महंगाई कहा जायेगा, लेकिन अगर वही 200 रुपये से ज्यादा में बिके तो उसे लूट कहा जायेगा. यह सब जमाखोरों की मदद के लिए की जा रही है. प्रधानमंत्री ने अपनी रैली में तांत्रिक की चर्चा की. हम पूछना चाहते हैं कि उनके जो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं अमित शाह, वह किस जुर्म और किस धारा के लिए जेल में गये थे? किस परिस्थिति में उन्हें गुजरात से बाहर रहने को कहा गया था?
पीएम आचार संहिता का कर रहे उल्लंघन : महागंठबंधन
ब्यूरो, नयी दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किये जाने का आरोप महागंठबंधन के नेताओं ने लगाया. जदयू के महासचिव सह प्रवक्ता केसी त्यागी के आवास पर एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गयी , जिसमें कांग्रेस की ओर से आरपीएन सिंह और केटीएस तुलसी ने भाग लिया. केसी त्यागी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्र म में कई चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है.
जिस तरह से वह वोटरों को प्रभावित करना चाहते हैं, उस पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेकर कडी कार्रवाई करनी चाहिए. पीएम ने मन की बात कार्यक्र म में एक जनवरी 2016 से साक्षात्कार खत्म करने की बात कही है. इससे साफ होता है कि वह आरक्षण को खत्म करना चाहते हंै. उन्होंने पीएम से सवाल पूछा कि क्या साक्षात्कार खत्म कर जिन लोगों को आरक्षण मिला हुआ है, उसे सरकार आरक्षण का लाभ नहीं देगी? त्यागी के मुताबिक आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जिस तरह से आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी, उसी बात को पीएम ने मन की बात कार्यक्र म में इंप्लीमेंट करने की घोषणा की है.
इतना ही नहीं 12 नवंबर को लंदन में डॉ भीम राव अंबेडकर के घर को देश को समिर्पत करने तथा पांच से 10 ग्राम के अशोक चक्र जारी करने को भी त्यागी ने आलोचना की . त्यागी ने कहा कि वह चुनाव आयोग के फैसले से तकलीफ में हैं. क्योंकि इससे पहले भी महागंठबंधन के नेता चुनाव आयोग से मन की बात कार्यक्र म को रोकवाने की दरखास्त किये थे, लेकिन चुनाव आयोग ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने चुनाव आयुक्त के पद पर जाने वाले लोगों के लिए रिटायरमेंट के बाद किसी तरह के सरकारी पद न लेने के लिए कानून बनाने की लडाई संसद के सत्र में जारी रखने की भी बात कही.